पश्चिम बंगाल : दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन संबंधी याचिका पर बुधवार तक सुनवाई स्थगित

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गा पूजा के लिए विसर्जन कार्यक्रम में विस्तार के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार तक के लिए आज स्थगित कर दी. दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने मुहर्रम के मद्देनजर प्रतिमाओं के विसर्जन पर पाबंदी लगा रखी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिता म्हात्रे की अध्यक्षता वाली एक खंड पीठ ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2017 5:48 PM

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गा पूजा के लिए विसर्जन कार्यक्रम में विस्तार के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार तक के लिए आज स्थगित कर दी. दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने मुहर्रम के मद्देनजर प्रतिमाओं के विसर्जन पर पाबंदी लगा रखी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिता म्हात्रे की अध्यक्षता वाली एक खंड पीठ ने तीन याचिकाओं पर बाद में व्यापक सुनवाई की इजाजत देने का फैसला किया है क्योंकि क्योंकि न्यायमूर्ति म्हात्रे आज सेवानिवृत्त हो रही हैं. राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि सरकार नदियों और अन्य जलाशयों के किनारे निर्धारित स्थानों पर विजय दशमी की रात 10 बजे तक पहुंचाई गयी दुर्गा की सभी प्रतिमाओं का विसर्जन करने की इजाजत देगी. पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति टी चक्रवर्ती भी शामिल थे.

राज्य सरकार ने शुक्रवार को अदालत से कहा था कि इसने 30 सितंबर को विजय दशमी के दिन विसर्जन की समय सीमा शाम छह बजे सेबढ़ा कर रात 10 बजे करने का फैसला किया है. सरकार ने अदालत को बताया कि इसके बाद प्रतिमाओं का दो अक्तूबर से विसर्जन करने की इजाजत होगी. एक अक्तूबर को प्रतिमाओं के विसर्जन की इजाजत नहीं होगी, जब मुहर्रम मनाए जाने का कार्यक्रम है. एक याचिकाकर्ता के वकील समरजीत रॉय चौधरी ने आज फिर से कहा कि अदालत से उनकी दरख्वास्त है कि नदियों और अन्य जलाशयों में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विजयदशमी के दिन विशुद्ध सिद्धांत के अनुरूप रात एक बज कर 36 मिनट तक की इजाजत दी जाए. एक अन्य याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कुछ साल पहले तक यदि मुहर्रम की तारीख से विसर्जन की तारीख टकराता था तो विसर्जन पर कोई प्रतिबंध नहीं होता था.

उन्होंने अनुरोध किया कि इस साल भी एक अक्तूबर को विसर्जन करने की इजाजत दी जाए. वहीं, जब तीसरे याचिकाकर्ता के वकील दलील पेश करने के लिए उठे, तब खंडपीठ ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा अलग – अलग तरह के अनुरोध किए गए हैं और वे सभी सुनवाई चाहते हैं, इसलिए यह याचिकाओं को बुधवार तक के लिए स्थगित करती है. बहरहाल, इन याचिकाओं पर म्हात्रे के उत्तराधिकारी की अध्यक्षता वाली एक खंड पीठ द्वारा सुनवाई किए जाने की संभावना है.

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