बंगाल जैसी हिंसा कहीं नहीं देखी : अभिजात
कोलकाता: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्रा इन दिनों बंगाल दौरे पर हैं. पिछले पांच दिनों से वह बंगाल के विभिन्न हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर उसकी रपट भाजयुुमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को देंगे. अपने बंगाल प्रवास के दौरान एक तरफ वो संगठन में […]
कोलकाता: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्रा इन दिनों बंगाल दौरे पर हैं. पिछले पांच दिनों से वह बंगाल के विभिन्न हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर उसकी रपट भाजयुुमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को देंगे.
अपने बंगाल प्रवास के दौरान एक तरफ वो संगठन में आयीं खामियों का जिक्र करेंगे तो कार्यकर्ताओं के जुझारू तेवर का उल्लेख करेंगे. इसके साथ ही हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का ब्योरा देंगे तो साथ में कार्यकर्ताओं की दयनीय आर्थिक हालत का भी जिक्र करेंगे.
प्रभात खबर के साथ बातचीत के दौरान बंगाल में निर्मम हिंसा का जिक्र करते हुए कई बार उनकी आंखें छलछला गयीं. उन्होंने कहा : देश के विभिन्न कोने में संगठन के काम से मैं जाता हूं, लेकिन यहां पर जिस तरह से विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर हमले होते हैं, उससे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मामले में मानवता का पाठ पढ़ानेवाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मानवतावाद उस वक्त कहां जाता है, जब भाजपा के कार्यकर्ताओं पर निर्मम हमला किया जाता है. गरीब कार्यकर्ताओं की नौकरी व रोजगार के साधन छीन लिये जाते हैं. उनका घर फूंक दिया जाता है. तब क्या मानवता का हनन नहीं होता.
उन्होंने बताया कि उनके परिवार की पांचवी पीढ़ी राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही है. आज तक कभी हमने इस तरह की हिंसा नहीं देखी, जिस तरह बंगाल में हो रही है. एक हफ्ता के अंदर राजनैतिक हिंसा में अलग-अलग जगहों पर तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है.
सौमित्र घोषाल, बालेश्वर राय के साथ झाड़ग्राम में हुई हिंसा में घायल मताल दीगर की मौत गुरूवार को कोलकाता में हुई. मारे गये सभी कार्यकर्ता गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं. उनके साथ हैवानियत की प्रकाष्ठा हुई है. भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है.
उन्होंने कहा : मारे गये कार्यकर्ताओं के घर गया, जेलों में बंद कार्यकर्ताओं से मिला, हर कोई जोश में है और लोग बंगाल में परिवर्तन के लिए आमदा है. उनको जरूरत है वक्त पर साथ खड़ा होनेवाले नेतृत्व की. इसका जिक्र वो अपनी रपट में करेंगे और बहुत जल्द फिर संगठन को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी नेतृत्व के साथ बात कर कोलकाता में शिविर करेंगे.