अगर उनमें दम है, तो वह शस्त्र जुलूस पर रोक लगायें. उनका इशारा मुहर्रम के जुलूस को लेकर था. उन्होंने साफ कहा कि दुर्गा पूजा में शस्त्र पूजा का विधान है, क्योंकि कई जगहों पर पहले बलि दी जाती थी. लेकिन आज प्रतीक के तौर पर कहीं कुम्हड़ा तो कहीं खीरा की बलि दी जाती है. उसके लिए शस्त्र पूजा का विधान है. लेकिन ममता बनर्जी सबकुछ अपने राजनीतिक नजरिये से देखती हैं और एक फरमान सुना देती हैं. अब सवाल उठता है कि शस्त्र जुलूस पर रोक लगाती हैं, तो क्या उनके अंदर दम है कि वह मुहर्रम में निकलनेवाले जुलूस में शस्त्र लेकर निकलने पर रोक लगा रही हैं.
उन्होंने कहा कि दरअसल ममता बनर्जी खुद को संविधान और कोर्ट से मानती है. यही वजह है कि वह हिंदुओं के लिए नये- नये फरमान सुनाती हैं, ताकि मुस्लिम खुश रहें. यही हाल रहा, तो आनेवाले दिनों में वह कहेंगी कि पुष्पांजलि के लिए अनुमति लेनी होगी. इसके बाद देवी के दसों हाथ में हथियार नहीं होना चाहिए उसके लिए अनुमति लो. फिर कहेंगी कमल फूल से पूजा नहीं करनी होगी, यानी सबकुछ उनकी मर्जी से होगा. उन्होंने कहा कि धार्मिक कर्मकांडों को राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का फरमान वह बार-बार दे रही हैं, जिसका लोगों में गलत असर जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई पूजा आयोजक एकादशी के दिन विसर्जन करना चाहे, तो वह कर सकता है. भाजपा इस मामले में कहीं नहीं है. अगर उन्हें रोका गया, तो उसका जवाब सही जगह से उन्हें मिलेगा, क्योंकि भारत में अभी भी संविधान और अदालत सक्रिय हैं.
इसमें सभी जानकारी उपलब्ध रहेगी. सरकार की उपलब्धि के साथ योजनाओं का ब्योरा और पार्टी के साहित्य के अलावा पार्टी जनरल और मुखपत्र रहेगा, जिसे पढ़कर कार्यकर्ता और समर्थक अपडेट रहेंगे. प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया पर जोर दे रहे हैं. लिहाजा इस इ-लाइब्रेरी में पार्टी के महत्वपूर्ण दस्तावेज को लिपीबद्ध करने के साथ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और तपन सिकदर जैसे महत्वपूर्ण नेताओं द्वारा प्रयोग में लाये गये सामान आदि रखे जायेंगे. इसके अलावा प्रदेश भाजपा जिन बड़े मुद्दों पर आंदोलन किया है, उसके वीडियो समेत विभन्न तथ्य रखे जायेंगे. इसके अलावा केंद्रीय योजनाओं की पुस्तकों का भी एक रैक होगा.