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कोजागरी लक्खी पूजा आज
कोलकाता. गुरुवार को पूरे राज्य में कोजागरी लक्खी पूजा मनायी जायेगी. सर्वभारतीय प्राच्य विद्या अकादमी के प्राचार्य जयंत कुसारी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी लक्खी (लक्ष्मी) पूजा होती है, चूंकि मां लक्खी का आविर्भाव रात को हुआ है और मान्यता है कि आविर्भाव के बाद उन्होंने पूछा : केजागृति (यानी कौन जाग […]
कोलकाता. गुरुवार को पूरे राज्य में कोजागरी लक्खी पूजा मनायी जायेगी. सर्वभारतीय प्राच्य विद्या अकादमी के प्राचार्य जयंत कुसारी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी लक्खी (लक्ष्मी) पूजा होती है, चूंकि मां लक्खी का आविर्भाव रात को हुआ है और मान्यता है कि आविर्भाव के बाद उन्होंने पूछा : केजागृति (यानी कौन जाग रहा है). यह शब्द अपभ्रंश होकर कोजागरी हो गया है.
उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को जो जाग कर विधि-विधान से मां की पूजा करता है. उसे मां धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं. पूजा में नारियल, चूड़ा, आवला, धान की बाली, आवला व सफेद कमल के फूल के इस्तेमाल का प्रावधान है. इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा होती है तथा व्यापारी इस दिन खाता की भी पूजा करते हैं. पूरे बंगाल में यह पूजा बहुत ही धूमधाम से मनायी जाती है और लगभग प्रत्येक घर में कोजागरी लक्खी की पूजा होती है.
पूजा के मद्देनजर महानगर में सब्जियों व फलों की कीमत में वृद्धि दर्ज की गयी है. कोजागरी लक्खी पूजा में नारियल का विशेष उपयोग होता है तथा नारियल के लड्डू का प्रसाद बनता है.
पूजा के मद्देनजर नारियल की कीमत 25 से 30 रुपये तक पहुंच गयी है. वहीं सेब की कीमत 100 रुपये, अनार 115-120 रुपये प्रति किलो, मौसमी 25-30 रुपये जोड़ा, एक दर्जन केला 60 रुपये, अमरूद 50 रुपये प्रति किलो, शाकालू 80 रुपये, खीरा 30 रुपये और अंगूर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो पहुंच गयी है.
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