वहीं बंगाल के ग्रामीण इलाकों में आज भी हाथ से रंगोली या अल्पना बनाने की प्रथा जलपाईगुड़ी
हालांकि बागान प्रबंधन ने इन आरोपों को खारिज किया है. यह बागान श्री तोरसा प्लांटेशन प्राइवेट लिमिटेड के अधीन है. चाय बागान के मैनेजर ब्रजेश राय ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि चाय बागान इलाके में कुछ परिवारों द्वारा अवैध रूप से शराब का कारोबार करने का विरोध करने पर इस तरह की प्रतिक्रिया हो रही है. प्रबंधन ने बुधवार को बागान इलाके में शराब की बिक्री का विरोध किया था. उसके बाद से ही समाजविरोधियों ने श्रमिकों को बागान प्रबंधन के खिलाफ विरोध में उतरने के लिए उकसाया है.