एक देनदारी के लिए दोहरा भुगतान : सहारा

कोलकाता. सहारा इंडिया समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने कहा कि निवेशकों को 95 प्रतिशत राशि चुकाने के बावजूद कंपनी को बाजार नियामक सेबी को 19,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा जो कि एक ही देनदारी के लिए दोहरे भुगतान के अलावा और कुछ नहीं है. श्री राय यहां सहारा मिलन यात्रा के अवसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2017 9:40 AM
कोलकाता. सहारा इंडिया समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने कहा कि निवेशकों को 95 प्रतिशत राशि चुकाने के बावजूद कंपनी को बाजार नियामक सेबी को 19,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा जो कि एक ही देनदारी के लिए दोहरे भुगतान के अलावा और कुछ नहीं है. श्री राय यहां सहारा मिलन यात्रा के अवसर पर जारी बयान में ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा : सेबी के पास सहारा के लगभग 19000 करोड़ रुपये अर्जित ब्याज सहित हैं, जबकि सेबी ने बीते 60 महीने में निवेशकों को केवल 64 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. उसने सहारा की 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपाियों के मूल दस्तावेज भी अपने पास रखा है. उन्होंने कहा कि सहारा जानता है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार यह सब धन उसके पास लौटेगा क्योंकि वह अपने ओएफसीडी निवेशकों को 95 प्रतिशत का भुगतान पहले ही कर चुका है.

श्री राय ने कहा : सहारा की बुनियाद बहुत मजबूत है लेकिन यह भी सच है कि हम फौरी नकदी की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, पर यह इस कारण नहीं कि हमें सहारा सेबी खाते में धन जमा करवाना पड़ा बल्कि हम पर लगाये गये प्रतिबंधों के कारण है. उन्होंने कहा कि पूरा सहारा समूह इस समय विभिन्न प्रकार की रोक और प्रतिबंधों के दायरे में है जिसका मतलब है कि यदि कोई भी संपत्ति बेची जाती है अथवा गिरवी रखा जाता है तो वह पूरा धन सेबी-सहारा खाते में जायेगा. उन्होंने कहा : हम इस रूकावट के चलते अपने समूह के लिए एक रुपये भी नहीं जुटा पा रहे हैं, अगर सिर्फ सहारा द्वारा सेबी के पास जमा कराये गये नकद धन जो कि 19000 करोड़ रुपये हैं, को ही लें तो कैश रिजर्व के रूप में सितंबर, 2017 में देश की सर्वोच्च नकदी की धनी कंपनियों में सहारा 19वें पायदान पर होगी. उन्होंने कहा : हमें पूरा विश्वास है कि एक बार जब इस तरह की रोक हट जायेगी और हमें यह भी भरोसा है कि ऐसा शीघ्र ही होगा. अंश मात्र भी संदेह नहीं है कि यह सारी जमा राशि सहारा के पास वापस आ जायेगी.

Next Article

Exit mobile version