सीएम ममता के बदले तेवर से जनता भी हैरान, गले की हड्डी बनी चार्टर्ड फ्लाइट
कोलकाता : मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने मंत्रियों के तामझाम व सुरक्षा व्यवस्था लेने से साफ इनकार कर दिया था. आज भी वह अपनी निजी गाड़ी से ही दफ्तर आती-जाती हैं. साथ ही सरकारी वेतन न लेने का भी उनका दावा है.
राज्य की मुख्यमंत्री बनने से पहले सुश्री बनर्जी जब सांसद थीं, तब उन्होंने फ्लाइट में केवल इकोनॉमी क्लास में सफर करने का वादा किया था. हालांकि एक सांसद को बिजनेस क्लास में सफर करने की सुविधा हासिल है. विमान के बिजनेस क्लास का किराया इकोनॉमी क्लास से अधिक होता है.
इसमें अधिक सुविधाएं होती हैं, इसलिए तमाम बड़े लोग बिजनेस क्लास में ही सफर करना पसंद करते हैं. रेल मंत्री बनने तक ममता बनर्जी ने अपने वादे को निभाया और जब कभी भी कहीं जाने की जरूरत पड़ी, तो उन्होंने इकोनॉमी क्लास में ही सफर किया. पर अब उसी ममता बनर्जी की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं.
रेल मंत्री रहने तक इकोनॉमी क्लास में सफर करनेवालीं सुश्री बनर्जी पर अब चार्टर्ड फ्लाइट से दौरा करने के आरोप लगे हैं. इस महीने की शुरुआत में अपने कई मंत्रियों के साथ दिल्ली गयीं ममता बनर्जी के विरोध में योजना आयोग के दफ्तर के बाहर माकपा के विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसमें वित्त मंत्री अमित मित्र को चोट भी लगी थी. मुख्यमंत्री की भी तबीयत खराब हो गयी थी, इसलिए वह अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली से कोलकाता लौट आयी थीं.
सूत्रों के अनुसार 10 अप्रैल को सुश्री बनर्जी किसी सरकारी या प्राइवेट एयरलाइंस की किसी फ्लाइट से कोलकाता नहीं पहुंची थीं, बल्कि उन्होंने दिल्ली से कोलकाता आने के लिए एक चार्टर्ड विमान का सहारा लिया था.
उड़ान के दौरान उनके साथ फ्लाइट में 10-12 अन्य लोग भी थे. आरोप है यह चार्टर्ड फ्लाइट एक ऐसे व्यक्ति की कंपनी की है, जिस पर चिट फंड कंपनी चलाने का आरोप है. विपक्षी दलों ने भी इस चार्टर्ड विमान की जानकारी मांगी है.