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कोलकाता : मुकुल के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे कुणाल

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के बहिष्कृत सांसद कुणाल घोष के निशाने पर अब मुकुल राय आ गये हैं. गुरुवार को इडी दफ्तर गये कुणाल घोष ने वहां मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुकुल राय जिस पार्टी में जायेंगे, उस पार्टी में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और समर्थक नहीं जायें. यह अपील वह […]

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के बहिष्कृत सांसद कुणाल घोष के निशाने पर अब मुकुल राय आ गये हैं. गुरुवार को इडी दफ्तर गये कुणाल घोष ने वहां मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुकुल राय जिस पार्टी में जायेंगे, उस पार्टी में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और समर्थक नहीं जायें. यह अपील वह करते हैं.
उनका इशारा मुकुल राय के भाजपा में जाने को लेकर है. उन्होंने साफ कहा कि मुकुल राय भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं. लिहाजा उनके झांसे में कोई न आये.
गुरुवार को ईडी के दफ्तर साॅल्टलेक स्थित सीजीओ कंप्लेक्स में कुणाल घोष गये हुए थे. जहां वह मुकुल पर जम कर बरसे. कुणाल घोष ने कहा कि मुकुल राय परिवार तंत्र व वंशवाद की बात कर रहे हैं, जबकि सबको पता है कि पिता जिस प्रोफेशन में होता है, अक्सर उसकी संतान भी उसी प्रोफेशन में होती है. खुद मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय क्या तृणमूल कांग्रेस के विधायक नहीं हैं?
क्या वह पार्टी में तृणमूल युवा कांग्रेस के कायकारी अध्यक्ष नहीं थे. कांचरापाड़ा में और लोग नहीं थे, जो उस केंद्र से विधायक बन सकते थे? चूंकि उस वक्त मुकुल राय पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते थे. ममता बनर्जी उन्हीं को देखती और सुनती थीं. लिहाजा पार्टी के अंदर उनका कद बड़ा था, इसलिए उनका बेटा भी राजनीति में सफल रहा.
सारधा व नारद मामले में मुकुल के बयान पर कुणाल ने कहा कि इस मामले को कोई हलका दिखाने के लिए यह कहे कि पार्टी को कुछ भी पता नहीं है, तो वह झूठ बोल रहा है.
क्या मुकुल राय को यह पता नहीं था कि उनकी पार्टी के 10 से 12 नेता सारधा मामले में शामिल हैं. बात सबको माननी होगी? इस तरह के बायान से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा. उन्होंने साफ कहा कि पुलिस अधिकारी मिर्जा से हुई पूछताछ में जो तथ्य मिले हैं. उसके आधार पर मुकुल राय को गिरफ्तार कर सीबीआइ क्यों नहीं जांच कर रही है. उन्होंने पूछा कि क्या मुकुल राय नीति और आदर्श के लिए पार्टी से रिश्ता तोड़े हैं? यह तो साफ है कि ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा कि सारधा और नारद मामले तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो शामिल नहीं थी का बयान देनेवाले के साथ भाजपा के नेता और अधीर चौधरी जैसे लोग एक मंच पर खड़े हो पायेंगे? मैंने प्रधानमंत्री, अमित शाह, अरुण जेटली और कैलाश विजयवर्गीय को इस बाबत पत्र लिखा है. इन मुद्दों पर मुकुल राय के संपर्क को लेकर जांच की जरूरत है. पूरे मामले में जांच के वगैर अगर कोई व्यक्ति राजनीतिक संरक्षण पाता है, तो वह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक होगा.

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