दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) : पहाड़ एक बार फिर अशांत हो गया है. दार्जीलिंग की पहाड़ियों के एक जंगल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के सुप्रीमो बिमल गुरूंग के समर्थकों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हिंसक झड़पहुई,जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और एक गुरूंग समर्थक की मौत हो गयी. बिमल गुरूंग अब भी लापता हैं.
पुलिस को खबर मिली थी कि बिमल गुरूंग टकबर के जंगलों में कहीं छिपा है. उनकी खोज में पुलिस दल वहां पहुंचा, तो बिमल के समर्थकों ने पुलिस पर गोलियां चला दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की.
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पुलिस ने बताया कि सुबह 5 बजे दोनों ओर से गोलीबारी हुई.इसमें एक गोली सब-इंस्पेक्टर अमिताभ मल्लिक को लगी. गोली लगने से उसकी मृत्यु हो गयी. गोलीबारी में एक गुरूंग समर्थक की भी मौत हो गयी.
पुलिस का मानना है कि बिमल गुरूंग को चाय बगान से निकालने के लिए ही उसके समर्थकों ने पुलिस पर गोलीबारी की. हालांकि, घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. पुलिस ने कहा है कि टगबर जंगल में स्थित चाय बगान में एक हथियार बनाने का कारखाना भी मिला है.
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पुलिस ने बताया कि यह झड़प सुबह पांच बजे उस समय शुरू हुई जब पुलिस के एक खोजी दल ने पातलेबास क्षेत्र के निकट जंगल के भीतर एक ठिकाने पर छापा मारा. यह क्षेत्र गुरंग समर्थकों का गढ़ है. गुरुंग के इस इलाके में छिपे होने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छापा मारा. इस दौरान जीजेएम नेता के समर्थकों ने गोलियां चलायी और पत्थर फेंके.
पुलिसने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत अगस्त में गुरंग पर मामला दर्ज होने के बाद से ही जीजेएम प्रमुख छिपे हुए हैं. उन पर दार्जिलिंग और आस-पास के क्षेत्रों में हुई बम विस्फोट की घटनाओं में शामिल होने का आरोप है.