डेंगू : कोलकाता से सिलीगुड़ी तक गरमायी सियासत
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी समेत पूरे पश्चिम बंगाल में डेंगू के महामारी का रूप धारण करने के बाद अब कोलकाता से लेकर सिलीगुड़ी तक सियासत गरमाने लगी है. कल यानी गुरुवार को कोलकाता में नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगुवायी में डेंगू को लेकर की गयी उच्चस्तरीय बैठक के बाद मीडिया में दिये गये उनके बयान […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी समेत पूरे पश्चिम बंगाल में डेंगू के महामारी का रूप धारण करने के बाद अब कोलकाता से लेकर सिलीगुड़ी तक सियासत गरमाने लगी है. कल यानी गुरुवार को कोलकाता में नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगुवायी में डेंगू को लेकर की गयी उच्चस्तरीय बैठक के बाद मीडिया में दिये गये उनके बयान पर सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने निशाना साधा है.
शुक्रवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में प्रेस-वार्ता के दौरान उन्होंने ममता पर डेंगू पीड़ितों और अब-तक हुई मौत के आंकड़ों की गोपनीयता रखने पर सवाल उठाया है. श्री भट्टाचार्य का कहना है कि डेंगू को लेकर गोपनीय रखने की बात उनकी समझ से परे है.
उन्होंने मीडिया के सामने केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के दो सालों के देश भर का अब-तक का आंकड़ा सार्वजनिक किया और अन्य राज्यों की तुलना पूरे पश्चिम बंगाल और खासकर सिलीगुड़ी से की. उन्होंने केंद्रीय रिपोर्ट के हवाला देकर कहा कि 2016 में जनवरी से दिसंबर महीने तक देश भर में डेंगू पीड़ितों की संख्या 1.20 लाख से भी अधिक थी और 45 मरीजों की मौत डेंगू व अन्य जापानी बुखारों से हुई थी. जबकि पश्चिम बंगाल में मात्र 22 हजार 265 लोग डेंगू व अन्य बुखारों से पीड़ित हुए थे.
वहीं इस वर्ष सितंबर महीने तक पूरे देश भर में 78 हजार 651 मरीज डेंगू व अन्य बुखार से पीड़ित हुए और मौतों की संख्या 122 है. पश्चिम बंगाल में 5 हजार 389 मरीज पीड़ित हुए और मौतों की संख्या 13 रही. वहीं सिलीगुड़ी में हजार से अधिक लोग डेंगू से पीड़ित हुए और आठ लोगों की मौत हुई. उन्होंने ममता सरकार पर डेंगू को लेकर राजनीति न करने के बदले स्वास्थ्य परिसेवा और दुरस्त करने की नसीहत दी. उन्होंने मैकअलाइजर लेबोरेटरी मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में भी खोलने, अस्पतालों में बेड, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देने की सलाह दी.