कोलकाता: निष्कासित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम)के नेता और दार्जीलिंग के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के अध्यक्ष विनय तमांग ने पहाड़ियों पर शुक्रवार को हुई हिंसा के लिए पार्टी सुप्रीमो बिमल गुरूंग को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग दार्जीलिंग को कश्मीर नहीं बनने देंगे.
शुक्रवार तड़के सुरक्षा बलों ने दार्जीलिंग में पाट्लबास के समीप एक वन्यक्षेत्र में छापा मारा, जिसके बाद गुरूंग समर्थकों के साथ झड़प के दौरान गोली लगने से एक उपनिरीक्षक की मौत हो गयी. चार अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गये. संदेह था कि जीजेएम प्रमुख वहां छिपे थे.
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गुरूंग अगस्त से फरार हैं. उससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने दार्जीलिंग एवं आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न बम धमाकों में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर उनके विरुद्ध अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किये थे. जीजेएम का एक गुट अब भी बिमल गुरूंग के पक्ष में है, जबकि पार्टी में जिस गुट को राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है, उसकी अगुवाई तमांग कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने आये तमांग ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘कई महीने की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद अब लोग खुश हैं कि पहाड़ियों में शांति लौट रही है. यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब शांति एवं स्थायित्व लौट रहा है, तब गुरूंग और उनके लोग उसे भंग करने का अंधाधुंध प्रयास कर रहे हैं. ताजा हिंसा के लिए पूरी तरह से गुरूंग जिम्मेदार हैं.’
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उन्होंने कहा, ‘हम दार्जीलिंग को कश्मीर नहीं बनने देंगे. पहाड़ियों के लोग शांतिप्रिय हैं, वे गुरूंग और उनकी हिंसा एवं खून-खराबे की राजनीति के साथ नहीं हैं. हिंसा की उपयुक्त जांच होनी चाहिए तथा अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए.’