कोलकाता : विशेष अवसरों पर अधिकांश बंगाली पारंपरिक पकवान खाना पसंद करते हैं और शहर के रेस्टोरेंट ने इस भाई फोंटा के अवसर पर बंगाल के लजीज व्यंजन परोसने का इंतजाम किया है. इसे उत्तर भारत में भाईदूज के नाम से जाना जाता है. भाई फोंटा के अवसर पर बहन अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं. इस प्रक्रिया के बाद उन्हें तरह-तरह के व्यंजन परोस कर खिलाती हैं.
कोशे काश रेस्टोरेंट के प्रमुख शेफ इंद्रनील चौधरी ने बताया कि घर में बना खाना खाने के बजाय अब भाई फोंटा और दुर्गा पूजा पर बाहर खाना खाने का चलन बढ़ रहा है. उन्होंने बताया, दादी मां के हाथों के स्वाद के मुताबिक अब हमने अपनी सूची बनायी है जो परिवार के वरिष्ठ सदस्यों, अपने संरक्षकों और बंगाली खाने पर लिखने वालों की सलाह के आधार पर तैयार की गई है. 21 अक्तूबर को भाई फोंटा के अवसर पर कोशे काश लोटे माछेर , झूरी भाजा , नरकेल बाटा चिंगरी , चिंगरी मखाना , चिटोल कोफ्ता और धकई चितोल पेटी परोसेगा.
6 बालीगंज प्लेस रेस्टोरेंट के शेफ सुशांत सेनगुप्ता ने बताया, विशेष रुप से उस दिन भाइयों, बहनों और उनके साथी के लिए पुर भरा ककरोल भाजा , आम कसुंदी आलू दम , मिक्स वेज कोफ्ता , कचलंका धोनेपता मुरगी और मोरिच मांगशो की व्यवस्था की गयी है.