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गंगा नदी में डूबा युवक तीन साल बाद घर लौटा

कोलकाता: 16 साल का आकाश एक अगस्त 2011 को टीटागढ़ के ग्लास घाट पर स्नान करने के दौरान गंगा नदी में डूब गया था, दो साल नौ महीने के बाद वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक काली मंदिर में मानसिक रूप से विक्षिप्त हालत में मिला. उसके पिता अशोक दास और मां पुतुल दास […]

कोलकाता: 16 साल का आकाश एक अगस्त 2011 को टीटागढ़ के ग्लास घाट पर स्नान करने के दौरान गंगा नदी में डूब गया था, दो साल नौ महीने के बाद वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक काली मंदिर में मानसिक रूप से विक्षिप्त हालत में मिला.

उसके पिता अशोक दास और मां पुतुल दास बेटे को वापस पाने की उम्मीदें खो चुके थे, अचानक बेटे की खबर पाकर दोनों गाजीपुर से सोमवार को अपने बेटे को वापस लेकर कोलकाता पहुंच गये. गाजीपुर में बेटे को वापस पाकर मा-पिता खुशी से रो पड़े. ईश्वर को लाखों धन्यवाद दिया. बेटे को लेकर मां और पिता सोमवार को कोलकाता पहुंचे. ईश्वर के इस करिश्मा को देखने को लिए स्थानीय लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है.यह घटना टीटागढ़ के पुरानी बाजार इलाके की है.

टीटागढ़ के माठकल के कर्मचारी अशोक दास ने बताया कि उनका बेटा आकाश दास तीन साल पहले ग्लास घाट पर स्नान करने गया था. स्नान करने के दौरान वह गंगा नदी में लापता हो गया. घाट के किनारे से उसका कपड़ा व चप्पल मिला. नदी में उसकी काफी तलाश की गयी, लेकिन वह मिल नहीं. उसी दिन उसके लापता होने की शिकायत टीटागढ़ थाने में दर्ज करायी. उसके वापस लौट कर न आने पर उसकी मां पुतुल दास और पिता ने रो-रो कर कई दिन बिताया था. काफी दिन बीत जाने के बाद पुलिस भी उसके बारे में कोई सुराग नहीं दे पायी. माता-पिता ने अपने बेटे को वापस पाने की उम्मीदें खो दिया था. अशोक दास ने बताया कि उनका बेटे मानसिक रूप से विक्षिप्त हालत में उनके गांव गोरखपुर के साईदपुर स्थित एक काली मंदिर में आठ अप्रैल को घूम रहा था. गांव के लोगों को उसे देख कर संदेह हुआ. उन्होंने इसकी सूचना उनकी मां भाग्यवंती दास को दी. दादी पोते को पागल की अवस्था में आने की सूचना पाकर वहां फौरन पहुंच गयी.

पोते को भूखे-प्यासे मानसिक रुप से विक्षिप्त हालत में देख कर तुरंत पहचान ली. पोते को पाकर वह फफक-फफक कर रो पड़ी. उसे अन्य ग्रामवासियों की मदद से वापस घर ले आयी. मानसिक बीमार होने के वजह आकाश किसी को न तो पहचान पा रहा है न ही कुछ बता पा रहा है. दादी ने घटना की सूचना अपने बेटे अशोक दास को दी. सूचना मिलते ही मां और पिता दोनों गांव के लिए रवाना हो गये. नौ अप्रैल को बेटे को पाकर दोनों इसे भगवान का चमत्कार माना. इस संबंध में उसका छोटा भाई अभिषेक दास ने बताया कि उसका बड़ा भाई आकाश लापता होने के पहले टीटागढ़ के एंग्लो बर्नाकुलर हाई स्कूल का नौंवी कक्षा का छात्र था. आकाश की मां पुतुल दास ने बताया कि वह एक समय भगवान शिव की काफी पूजा करती थी. बेटे के खोने के बाद से उसने पूजा-पाठ छोड़ दिया था. भोले बाबा के चमत्कार से उन्हें उनका बेटा वापस मिला है. पिता अशोक दास ने कोलकाता आने के बाद अपने खोये हुए बेटे को पाने की खुशी में गंगा नदी में तर्पण दिया. उन्होंने कहा कि बेटा अभी अपने मां को भी ठीक ढंग से नहीं पहचान पा रहा है. मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के वजह से वह अपने बारे में बता भी नहीं पा रहा है.

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