सीयू के कॉलेजों में पीएचडी कोर्स शुरू
कोलकाता : यूजीसी की नयी गाइडलाइन के अनुसार अब विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षित व योग्य रिसर्च निरीक्षक, होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसी का अनुसरण करते हुए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने एक नयी योजना शुरू की है.यूनिवर्सिटी द्वारा इस योजना के तहत अब संबद्ध कॉलेजों में पीएच प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके लिए विश्वविद्यालयों ने […]
कोलकाता : यूजीसी की नयी गाइडलाइन के अनुसार अब विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षित व योग्य रिसर्च निरीक्षक, होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसी का अनुसरण करते हुए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने एक नयी योजना शुरू की है.यूनिवर्सिटी द्वारा इस योजना के तहत अब संबद्ध कॉलेजों में पीएच प्रोग्राम शुरू किया गया है.
इसके लिए विश्वविद्यालयों ने अपने कॉलेजों को माैजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने की लिखित सूचना भेजी है.
यह सुविधा शुरू करने के लिए कॉलेजों को निर्धारित की गयी एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटिव व इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरतों को पूरा करना होगा. जिन कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट की सुविधा है, वे अपने यहां डॉक्टोरल प्रोग्राम यानी कि पीएचडी शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं. यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार प्रशिक्षित व योग्य रिसर्च निरीक्षक, रखना अनिवार्य कर दिया गया है. इस मामले में कलकत्ता यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि कॉलेजों में पीएचडी सुविधा शुरू होने से छात्रों को काफी लाभ होगा. पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, सपोर्टिंग प्रशासन व रिसर्च प्रमोशन सुविधाएं होने पर अनुसंधान करने वालों को अध्ययन करने में काफी सहूलियत होगी. वहीं कॉलेज पीएचडी प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं, जिनके यहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त रिसर्च लेबोरेटरीज होंगी. इस लेबोरेटरी विभाग में कम से कम दो पीएचडी डिग्री प्राप्त शिक्षक व साइंटिस्ट अवश्य होने चाहिए. इसके लिए कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से अतिरिक्त मंजूरी लेनी होगी.
कलकत्ता यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने वाले एफिलियेटड कॉलेजों में नयी किताबों के साथ लाइब्रेरी, भारतीय व अंतरराष्ट्रीय जरनल, ई-जरनल के साथ पर्याप्त स्टोरेज सुविधाएं भी होनी चाहिए. इससे पहले यूनिवर्सिटी ने मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर वाले कुछ बड़े कॉलेजों जैसे सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता रामकृष्ण मिशन आवासीय कॉलेज, नरेंद्रपुर व रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर जैसे ऑटोनोमस कॉलेजों को पीएचडी शुरू करने की अनुमति दी थी. इसकी डिग्री यूनिवर्सिटी द्वारा ही दी गयी थी. यह सुविधा शुरू होने से महानगर में पीएचडी करनेवालों की संख्या बढ़ेगी. उनके लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.