स्कॉर्पियो टकरायी डिवाइडर से, 3 मरे

दुर्गापुर / रानीगंज. नेशनल हाइवे दो पर वारिया फांड़ी अंतर्गत धूपचुड़िया के समीप रविवार की अहले सुबह साढ़े तीन बजे तेज गति से दुर्गापुर से रानीगंज लौट रहा स्कॉर्पियों वाहन अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया. वाहन में सवार शैलेश पंडित (35), गोविंद गुप्ता (30) तथा बाप्पी दास (40) की मौत घटनास्थल पर ही हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2017 9:10 AM
दुर्गापुर / रानीगंज. नेशनल हाइवे दो पर वारिया फांड़ी अंतर्गत धूपचुड़िया के समीप रविवार की अहले सुबह साढ़े तीन बजे तेज गति से दुर्गापुर से रानीगंज लौट रहा स्कॉर्पियों वाहन अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया. वाहन में सवार शैलेश पंडित (35), गोविंद गुप्ता (30) तथा बाप्पी दास (40) की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.

जबकि बलराम साव (32) बुरी तरह से जख्मी हो गया. उसे इलाज के लिए दुर्गापुर महकमा अस्पताल में दाखिल कराया गया है. सभी मृतक रानीगंज के निवासी थे. दुर्घटना के बाद कुछ समय तक अप लेन में वाहनों का आवागमन बाधित रहा. स्थानीय पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए दुर्गापुर महकमा अस्पताल भेज दिया. दुर्घटनाग्रस्त वाहन को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया. घटना के बाद रानीगंज के पीएन मालिया रोड इलाके में शोक है.

पुलिस के अनुसार रानीगंज वार्ड नंबर 37 अंतर्गत कमारपाडा निवासी शैलेश पंडित (35), खाडसूली निवासी गोविंद गुप्ता (30 ), बलराम साव (32), बनारसी साव (35) तथा मोचीपाड़ा निवासी वापी रुईदास (40) स्कॉर्पियों से दुर्गापुर से रानीगंज लौट रहे थे. वाहन की रफ्तार तेज होने तथा तथा चालक को झपकी आ जाने के कारण वाहन अनियंत्रित हो गया तथा धूपचूड़ियां के समीप डिवाइडर से टकरा गया. घटनास्थल पर ही शैलेश पंडित, गोविंद गुप्ता एवं वापी रविदास की मौत हो गयी.

टक्कर की आवाज सुवकर स्थानीय निवासी तथा पुलिसकर्मी जमा हो गये. घायल बलराम साव को वाहन से निकाल कर इलाज के लिए पहले दुर्गापुर महकमा अस्पताल और बाद में राजबांध स्थित गौरी देवी अस्पताल में दाखिल कराया गया. बनारसी साव को मामूली चोट लगी. प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे अस्पताल से छोड़ दिया गया. वह अपने घर रानीगंज लौट आया. शैलेश पंडित पेशे से वाहन चालक था. वाहन लेकर अपने मित्रों के साथ दुर्गापुर गया था. पांचों दुर्गापुर से लौट रहे थे. गोविंद गुप्ता की खैनी की दुकान है. जबकि वापी रूईदास पॉलट्री चिकेन का व्यवसाय करता है. बलराम साव बेरोजगार था जबकि बनारसी सिंघ दूध बेचने का काम करता है.

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