कोलकाता: मुकुल राय का भाजपा में आना तय है, लेकिन तारीख को लेकर अभी भी कोई फैसला नहीं हो पाया है. मुकुल राय कब भाजपा में आयेंगे? क्यों हो रही है देरी, जैसे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं. लेकिन कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. भाजपा और मुकुल राय दोनों फिलहाल चुप हैं. जानकारी के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व की ओर से हरी झंडी मिलने के बावजूद मुकुल का विरोध कर रहे भाजपा नेता अब तकनीकी सवाल उठा कर उनका रास्ता रोकने का प्रयास कर रहे हैं.
इन नेताओं को यह डर सता रहा है कि मुकुल राय को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जिस तरह उत्साहित है, उसके देखते हुए यही संभावना बन रही है कि मुकुल भाजपा में आयेंगे, तो उन्हें बंगाल की कमान सौंपी जायेगी. ऐसे में आज तक जो लोग भाजपा का झंडा थामे हुए थे, वे लोग पिछली कतार में चले जायेंगे. मुकुल के हाथ में जब कमान होगी, तो वह पार्टी बढ़ाने के लिए अपने लोगों को लायेंगे.
मुकुल राय चूंकि केंद्रीय नेतृत्व का हाथ पकड़ कर आ रहे हैं, तो प्रदेश के नेताओं की उनकी आगे नहीं चलेगी. लिहाजा ऐसे नेता नहीं चाहते कि पार्टी पूरी तरह मुकुल राय पर निर्भर रहे. इसलिए वे लोग पार्टी के संविधान आर्टिकल नौ का हवाला देकर मुकुल राय से भाजपा में प्रवेश के लिये लिखित आवेदन पत्र लेने के पक्ष में हैं. इस प्रक्रिया के तहत मुकुल राय को अपने निवास स्थान का पता देकर स्थानीय भाजपा नेतृत्व के पास आवेदन करना होगा. इसके साथ फार्म-ए भरना होगा. वह आवेदन प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के पास आयेगा और प्रदेश अध्यक्ष उस पर मंजूरी देंगे.
जानकारों का कहना है कि इसी मुद्दे को लेकर मुकुल के भाजपा में आने में देरी हो रही है. मुकुल के करीबियों का कहना है कि अगर वह ऐसा करते हैं, तो प्रदेश भाजपा में उनका कद घटेगा. लिहाजा वह आवेदन करने के पक्ष में नहीं हैं. इसी वजह से देरी हो रही है, जबकि जिन केंद्रीय नेताओं के मार्फत मुकुल राय का भाजपा में प्रवेश होनेवाला है, वे बीच का रास्ता निकालने में जुटे हुए हैं. उनके मुताबिक अगर आवेदन करना इतना ही जरूरी है, तो मुकुल राय दिल्ली के पते पर केंद्रीय नेतृत्व के पास आवेदन कर देंगे और केंद्रीय नेतृत्व उन्हें बंगाल की जिम्मेदारी दे देगा. फिलहाल खबर लिखे जाने तक मुकुल राय ने भाजपा के पास कोई आवेदन नहीं किया है. रस्साकसी जारी है.
प्रदेश भाजपा के सांगठनिक विस्तार से खुश है केंद्रीय नेतृत्व
कोलकाता. प्रदेश भाजपा के सांगठनिक विस्तार की गति से केंद्रीय नेतृत्व बेहद खुश है और वह चाहता है कि इसमें और तेजी लायी जाये. इस बात का संकेत भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण कुमार ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रदेश के नेताओं की बैठक में दिया. बैठक में प्रदेश के सभी पदाधिकारी मौजूद थे. बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अरुण कुमार ने कहा कि पूरे देश में भाजपा का जिस तरह से विस्तार हो रहा है. उसमें बंगाल की स्थिति काफी उत्साहजनक है.
आनेवाले समय में हम प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की हैसियत पा रहे हैं और अगले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को हटा देने में सक्षम होंगे. अभी हमारा सारा ध्यान बूथ स्तर पर संगठन को बढ़ाने में लगा हुआ है. उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यहां पर प्रशासन की मदद से तृणमूल कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. वह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. ममता बनर्जी केवल सत्ता के मद में चूर होकर अहंकारी हो गयी है. इस वजह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर इस तरह का हमले हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि तृणमूल कांग्रेस के विदाई की बेला करीब आती जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सांगठनिक पार्टी है और वह लगातार अपना संगठन बढ़ा रही है. इसका प्रमाण गुजरात और हिमाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाकर वह दिखायेगी. श्री कमार ने गुजरात में नोट के बदले दल बदलने की घटना को कांग्रेस का स्टंट बताते हुए कहा कि कांग्रेस ड्रामा करने के लिए पहले से ही मशहूर है. लिहाजा वह गुजरात में वही कर रही है. इसका जवाब गुजरात की जनता भाजपा को 150 सीटों पर जीत दिलाकर देगी.