मुकुल को लेकर भाजपा में रस्साकसी
कोलकाता: मुकुल राय का भाजपा में आना तय है, लेकिन तारीख को लेकर अभी भी कोई फैसला नहीं हो पाया है. मुकुल राय कब भाजपा में आयेंगे? क्यों हो रही है देरी, जैसे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं. लेकिन कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. भाजपा और मुकुल राय दोनों फिलहाल […]
जानकारों का कहना है कि इसी मुद्दे को लेकर मुकुल के भाजपा में आने में देरी हो रही है. मुकुल के करीबियों का कहना है कि अगर वह ऐसा करते हैं, तो प्रदेश भाजपा में उनका कद घटेगा. लिहाजा वह आवेदन करने के पक्ष में नहीं हैं. इसी वजह से देरी हो रही है, जबकि जिन केंद्रीय नेताओं के मार्फत मुकुल राय का भाजपा में प्रवेश होनेवाला है, वे बीच का रास्ता निकालने में जुटे हुए हैं. उनके मुताबिक अगर आवेदन करना इतना ही जरूरी है, तो मुकुल राय दिल्ली के पते पर केंद्रीय नेतृत्व के पास आवेदन कर देंगे और केंद्रीय नेतृत्व उन्हें बंगाल की जिम्मेदारी दे देगा. फिलहाल खबर लिखे जाने तक मुकुल राय ने भाजपा के पास कोई आवेदन नहीं किया है. रस्साकसी जारी है.
आनेवाले समय में हम प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की हैसियत पा रहे हैं और अगले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को हटा देने में सक्षम होंगे. अभी हमारा सारा ध्यान बूथ स्तर पर संगठन को बढ़ाने में लगा हुआ है. उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यहां पर प्रशासन की मदद से तृणमूल कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. वह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. ममता बनर्जी केवल सत्ता के मद में चूर होकर अहंकारी हो गयी है. इस वजह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर इस तरह का हमले हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि तृणमूल कांग्रेस के विदाई की बेला करीब आती जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सांगठनिक पार्टी है और वह लगातार अपना संगठन बढ़ा रही है. इसका प्रमाण गुजरात और हिमाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाकर वह दिखायेगी. श्री कमार ने गुजरात में नोट के बदले दल बदलने की घटना को कांग्रेस का स्टंट बताते हुए कहा कि कांग्रेस ड्रामा करने के लिए पहले से ही मशहूर है. लिहाजा वह गुजरात में वही कर रही है. इसका जवाब गुजरात की जनता भाजपा को 150 सीटों पर जीत दिलाकर देगी.