बंगाल : पंचायतों के कामकाज की होगी समीक्षा, रिपोर्ट के आधार पर होगा फंड आवंटन

कोलकाता : राज्य सरकार अब पंचायतों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है. पंचायत इलाकों हुए विकास कार्यों और उस पर हुए खर्च का हिसाब-किताब करने के लिए ममता सरकार ने एक प्राइवेट ऑडिट एजेंसी की मदद लेने का फैसला किया है. अगले वर्ष राज्य में पंचायत चुनाव होने वाला है. राज्य में भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2017 8:43 PM

कोलकाता : राज्य सरकार अब पंचायतों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है. पंचायत इलाकों हुए विकास कार्यों और उस पर हुए खर्च का हिसाब-किताब करने के लिए ममता सरकार ने एक प्राइवेट ऑडिट एजेंसी की मदद लेने का फैसला किया है. अगले वर्ष राज्य में पंचायत चुनाव होने वाला है. राज्य में भाजपा के उदय के बाद पंचायत चुनाव को राज्य सरकार के लिए एसिड टेस्ट माना जा रहा है, वहीं भाजपा के लिए अपने आप को पश्चिम बंगाल की राजनीति में स्थापित करने के एक बड़े मौके के रूप में देखा जा रहा है.

वामदलों के कमजोर पड़ने से राज्य में ताकतवर विपक्षी दल के लिए रिक्त स्थान को भरने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा को पूरा आला कमान बंगाल पर नजरें गड़ाये बैठा है. प्रत्येक महीने केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के हेविवेट नेता राज्य का चक्कर लगा रहे हैं. इस स्थिति में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य पर अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

पंचायत चुनाव की अहमियत को ध्यान में रखते हुए राज्य पंचायत विभाग पंचायतों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है. सूत्रों के अनुसार यह काम एक प्राइवेट ऑडिट एजेंसी करेगी. समीक्षा में न केवल यह देखा जायेगा कि पंचायत इलाके में कितना विकास हुआ है, बल्कि इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जायेगी कि विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार से आवंटित रकम का कितना हिस्सा पंचायत ने खर्च किया है.

सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव से पहले यह काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. विकास कार्यों एवं उन पर हुए खर्च के आधार पर पंचायतों को ग्रेड दिया जायेगा. इसके लिए सभी पंचायतों को ए, बी, सी एवं डी ग्रेड में बांटा जायेगा. ग्रेड के आधार पर ही पंचायतों को राशि आवंटित की जायेगी.

सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनाव से पहले पंचायत विभाग कुछ नयी परियोजनाओं पर काम करना चाहता है. उसके लिए पंचायतों को फंड आवंटित की जायेगी. पर उससे पहले उनके कामकाज की समीक्षा व लेन-देन का ऑडिट किया जायेगा, उसी आधार पर पंचायतों को फंड दिये जाने की योजना है.

Next Article

Exit mobile version