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चुनौती: विश्व बांग्ला संबंधी आरोपों पर बोले कैलाश विजयवर्गीय, सबूत है तो कोर्ट में जाये सरकार

कोलकाता: भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि राज्य सरकार के पास प्रमाण है, तो वह अदालत में जाये. भाजपा नेता मुकुल राय द्वारा विश्व बांग्ला के लोगो को लेकर लगाये गये आरोप पर बंगाल सरकार के जवाब में श्री विजयवर्गीय ने यह बात कही. उन्होंने नदिया के नकाशीपाड़ा में आयोजित एक […]

कोलकाता: भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि राज्य सरकार के पास प्रमाण है, तो वह अदालत में जाये. भाजपा नेता मुकुल राय द्वारा विश्व बांग्ला के लोगो को लेकर लगाये गये आरोप पर बंगाल सरकार के जवाब में श्री विजयवर्गीय ने यह बात कही. उन्होंने नदिया के नकाशीपाड़ा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि विश्व बांग्ला कोई सरकारी संस्थान नहीं, बल्कि एक कंपनी का नाम है. इसके मालिक का नाम अभिषेक बनर्जी है. इसका प्रमाण शुक्रवार को रानी रासमणि एवेन्यू की सभा में मालिकान का कागज दिखाकर मुकुल राय ने प्रमाण दे दिया है. इसके बाद से ही विश्व बांग्ला का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. भाजपा की सभा के तुरंत बाद राज्य के गृह सचिव ने बयान जारी कर राज्य सरकार का पक्ष रखा. लेकिन विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. इसकी गंभीरता को देखते हुए शनिवार को कमान राज्य के उद्योग विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने संभाली और प्रमाण देकर साबित करते नजर आये कि साल 2014 में राज्य सरकार विश्व बांग्ला की मालिकाना है.

इसके जवाब में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मीडिया के सामने गला फाड़ने की बजाय सबूत हैं, तो मुकुल राय के खिलाफ अदालत में मामला दायर करें. मुकुल राय तो चुनौती दे ही रहे हैं कि उनके पास सब कागजात हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा अपना प्रदर्शन दिखायेगी. विरोधियों को लगातार दबाया जा रहा है. ऐसे में अगर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से पंचायत चुनाव हुए, तो तृणमूल को अपनी हैसियत का अंदाजा हो जायेगा. तृणमूल कांग्रेस का नाम लेनेवाला कोई नहीं रहेगा. चूंकि यहां पर पुलिस राज है और पुलिस के सहयोग से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता बूथ दखल करके जीतते हैं. इस बार स्थिति बदलेगी.

विश्व बांग्ला पर सिर्फ राज्य सरकार का अधिकार : गृह सचिव
‘विश्व बांग्ला’ ब्रांड व लोगो को लेकर छिड़े विवाद में पश्चिम बंगाल सरकार ने फिर सफाई देते हुए कहा कि विश्व बांग्ला का ब्रांड व लोगो दोनों पर सिर्फ राज्य सरकार का अधिकार है. राज्य सरकार ने विश्व बांग्ला मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया है और इस कंपनी की 100 प्रतिशत शेयर पर मालिकाना हक राज्य सरकार का है.
शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न भवन में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव सिन्हा व गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोगो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सृजन है और उन्होंने इसका डिजाइन बनाया है. सबसे पहले विश्व बांग्ला ट्रेडमार्क के लिए अभिषेक बनर्जी ने आवेदन किया था, लेकिन इसे लेकर जब राज्य सरकार का भी आवेदन आया, तो वह खुद से ही पीछे हट गये और अपना आवेदन वापस ले लिया. श्री सिन्हा ने कहा कि विश्व बांग्ला मार्केटिंग कॉरपोरेशन 31 दिसंबर साल 2014 को राज्य सरकार के नाम पंजीकृत हुआ था, इसके तीन सरकारी अधिकारी शेयरधारक हैं. शेयर पूरी तरह से पश्चिम बंगाल सरकार के पास है और इसमें किसी भी निजी व्यक्ति की कोई साझेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि विश्व बांग्ला लोगो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिमाग की उपज है, जिसे राज्य सरकार ने लिया है. सभी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और विश्व बांग्ला को लेकर लगाये जा रहे सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि ब्रांड विश्व बांग्ला पूरी तरह से राज्य सरकार की है और इसमें किसी निजी व्यक्ति का कोई स्वामित्व नहीं है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुकुल राय ने विश्व बांग्ला पर बोलते हुए कहा था कि विश्व बांग्ला नाम की कंपनी सरकारी नहीं बल्कि निजी है. उन्होंने कहा था कि यह ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी की कंपनी है, जिसको राज्य सरकार प्रमोट कर रही है. इधर, पूरे मामले में सांसद अभिषेक बनर्जी ने कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं, मुकुल राय ने शनिवार को इस पर फिर से कहा कि यदि कोई कानूनी कार्रवाई करता है, तो वह भी इस पर कानूनी तरीके से जवाब देना ही बेहतर समझेंगे.
अब पूजा कमेटी करेगी मुकुल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी की पूजा के नाम से मशहूर नाकतला उदयन संघ की पूजा में चिटफंड कंपनियों से पैसे लेने के आरोप को पूजा कमेटी ने गंभीरता से लिया है.
क्लब परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पदाधिकारियों ने बताया कि मंत्री पार्थ चटर्जी उनकी पूजा कमेटी के अध्यक्ष जरूर हैं, लेकिन हमलोगों के अलावा वह कई अन्य पूजा कमेटियों और संस्थाओं के चेयरमैन हैं.
हमलोगों की पूजा में उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध चंदा लेने या देने में नहीं रहता है. उनके क्लब का नाम लेकर मुकुल राय ने पार्थ चटर्जी पर निशाना साधने का काम किया है, जबकि क्लब की ओर से पूजा के दौरान विज्ञापन लाने का काम एक विज्ञापन संस्था के साथ करार के तहत दिया गया था. संस्था के लोग विज्ञापन लाते थे. इसमें क्लब के सदस्य शामिल नहीं थे. लेकिन जब वर्ष 2013 में चिटफंड कंपनियों की लिस्ट बनी, तो उसके बाद से उन लोगों ने इस तरह की विवादित कंपनियों से विज्ञापन या सहयोग लेना बंद कर दिये. ऐसे में अपना राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने के लिए मुकुल राय ने उनके क्लब का नाम सामने लाकर गंभीर आरोप लगाया है, जिसके खिलाफ वे लोग कानूनी कार्रवाई करेंगे.
हालांकि इस बाबत मुकुल राय ने मीडिया से कहा कि अभिषेक बनर्जी से लेकर चाहे जो लोग हों, वे कानूनी रास्ता अखित्यार कर सकते हैं. यह उनका अधिकार है. मैंने जो कहा है, वह तथ्यों के आधार पर कहा है. मेरे पास सबूत हैं.

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