फिल्मों पर राजनीतिक सेंसरशिप हमेशा रहा है
कोलकाता: विशिष्ट फिल्मकार प्रकाश झा के मुताबिक दर्शकों की अच्छी फिल्मों के प्रति जानकारी बढ़ रही है. 23वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में पहुंचे प्रकाश झा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सार्थक फिल्मों और वाणिज्यिक तौर पर सफल होने वाली फिल्मों के बीच खाई अब कम हो रही है. लोगों की जागरूकता अच्छी और […]
कोलकाता: विशिष्ट फिल्मकार प्रकाश झा के मुताबिक दर्शकों की अच्छी फिल्मों के प्रति जानकारी बढ़ रही है. 23वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में पहुंचे प्रकाश झा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सार्थक फिल्मों और वाणिज्यिक तौर पर सफल होने वाली फिल्मों के बीच खाई अब कम हो रही है. लोगों की जागरूकता अच्छी और सार्थक फिल्मों के प्रति बढ़ रही है.
लेकिन ऐसी फिल्में बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है जिसमें सार्थकता भी हो और दर्शक भी उसे पसंद करे. ऐसी फिल्म बनाने के लिए वह भी मेहनत करते हैं. कई बार उनकी मेहनत सफल नहीं भी होती है.
कई बार लगता है कि बात बनी नहीं. फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद के संबंध में उनका कहना था कि अभी तक फिल्म रिलीज नहीं हुई है, ऐसे में उसपर किसी प्रकार की भी टिप्पणी करना सही नहीं होगा. लेकिन यह सच्चाई है कि फिल्मों पर राजनीतिक सेंसरशिप सदा से रही है. उन्होंने बताया कि वह पहली बार कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में आये हैं. दर्शकों के उत्साह को देखकर यह स्पष्ट है कि अच्छी फिल्मों के दर्शक मौजूद हैं. अपनी अगली फिल्म के संबंध में उन्होंने कहा कि अगले वर्ष उसकी शूटिंग वह शुरू करेंगे.