हाइकोर्ट ने दिया जांच जारी रखने का निर्देश, अनुमति के बिना चार्जशीट जमा नहीं कर सकती पुलिस
कोलकाता: बालुरघाट फेसबुक कांड में कलकत्ता हाइकोर्ट ने पुलिस को जांच जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हाइकोर्ट की अनुमति के बिना पुलिस मामले की चार्जशीट पेश नहीं कर सकती. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने पूरे मामले में राज्य सरकार को तीन सप्ताह में […]
कोलकाता: बालुरघाट फेसबुक कांड में कलकत्ता हाइकोर्ट ने पुलिस को जांच जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हाइकोर्ट की अनुमति के बिना पुलिस मामले की चार्जशीट पेश नहीं कर सकती. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने पूरे मामले में राज्य सरकार को तीन सप्ताह में हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया है.
गुरुवार को हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अनुपम तरफदार व देवजीत राय के वकील विकास भट्टाचार्य ने न्यायाधीश देवांशु बसाक की खंडपीठ पर कहा कि इस वर्ष दुर्गापूजा के समय बालुरघाट शहर में शाम चार बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पुलिस ने सिर्फ टोटो व रिक्शा चालकों को रास्ते पर चलने की अनुमति दी थी.
पुलिस के इस फैसले पर बालुरघाट के रहनेवाले अनुपम तरफदार व देवजीत राय को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो कि असंवैधानिक है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पुलिस ने अंसवैधानिक तरीके से इन्हें गिरफ्तार किया था. इसके लिए पुलिस को मुआवजा देना चाहिए. इसका जवाब देते हुए सरकारी वकील अमितेश बंद्योपाध्याय ने कहा कि पुलिस ने 41-ए नोटिस जारी करते हुए अनुपम तरफदार व देवजीत राय को थाने बुलाया था और उनसे जब इस संबंध में पूछताछ की गयी, तो उन लोगों ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. इसके बाद पुलिस ने इंफोर्मेशन टेकनोलॉजी एक्ट, 2000 के तहत इन लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने दावा किया कि फेसबुक के माध्यम से इन लोगों ने इलाके में अशांति फैलाने की कोशिश की थी. हालांकि, बाद में दोनों लोगों को निचली अदालत ने इनकी जमानत मंजूर कर ली थी. इसके बाद अनुपम तरफदार व देवजीत राय ने पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.