उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बैंक खाते व मोबाइल नंबर से आधार नंबर को जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के इस कदम का पुरजोर विरोध कर रही है. निजता के अधिकार के तहत बंगाल सरकार ने कोर्ट में मामला भी दायर किया है. बंगाल सरकार का कहना है कि निजता (प्राइवेसी) भी मौलिक अधिकार का एक अंश है. लेकिन कोलकाता हाइकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश व बॉम्बे हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश डॉ मंजुला चेल्लुर ने अपराध नियंत्रण की दिशा में केंद्र के इस कदम को जायए ठहराया है.
अपने संबोधन में डॉ चेल्लुर ने कहा कि अपराध नियंत्रित करने की दिशा में सरकार का यह एक अच्छा कदम है. बैंक व मोबाइल नंबर आधार से जुड़ने के बाद समाज की आर्थिक गतिविधियों में पारदर्शिता रहेगी. यूथ पार्लियामेंट में निजता के अधिकार (राइट टू प्राइवेसी) पर विस्तृत चर्चा हुई.
इसके बाद प्रोफेसर एमेरिट्स इन लॉ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ चेल्लुर ने कहा कि कानूनी दिशा उमें किसी शिक्षक की राह कभी समाप्त होती ही नहीं है. इस कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज की ओर से कॉलेज के चेयरमैन जयजीत चौधरी ने स्मृतिचिह्न देकर जस्टिस डॉ चेल्लुर को सम्मानित किया. कार्यक्रम में आइआइएलएस के निदेशक तापस चटर्जी, डॉ सीएन गुप्ता, उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीसी पॉल आद उपस्थित थे.