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बैंक लूट की साजिश रच रहा था तनवीर

कोलकाता. दुर्गा पूजा के समय मध्य कोलकाता के न्यू मार्केट इलाके में एक बैंक में लूट की घटना को अंजाम देने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया था. एक बार फिर महानगर में बांग्लादेशी द्वारा महानगर में बैंक लूट की साजिश रचने का खुलासा हुआ है. कोलकाता पुलिस के स्पेशल […]

कोलकाता. दुर्गा पूजा के समय मध्य कोलकाता के न्यू मार्केट इलाके में एक बैंक में लूट की घटना को अंजाम देने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया था. एक बार फिर महानगर में बांग्लादेशी द्वारा महानगर में बैंक लूट की साजिश रचने का खुलासा हुआ है. कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अलकायदा के संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकियों में से एक शमसाद मियां उर्फ तनवीर ने बताया कि संगठन के लिए हथियार खरीदने उसे कोलकाता भेजा गया था.

इसके साथ संगठन के लिए रुपये की किल्लत दूर करने के लिए आकाओं के कहने पर महानगर में उसने बैंक लूट की साजिश भी रची थी. यह काम ठीक से सफल हो जाये, इसके लिए उसने अपने साथ मनोतोष को भी शामिल किया था. मनोतोष ने प्राथमिक बयान में बताया कि लूट की राशि से मोटी रकम मिलने का लालच मिलने के कारण वह भी इनकी इस साजिश में शामिल हो गया था.

कोलकाता स्टेशन के पास हथियार का सैंपल दिखाने के बाद ही वह शमशाद मियां उर्फ तनवीर के साथ मिलकर महानगर में बैंक लूट की वारदात को अंजाम देने वाले थे. लेकिन इसके पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि मनोतोष व शमशाद से पूछताछ में इस गिरोह द्वारा रचे जा रहे और खुलासे होने की उम्मीद है. उनका मानना है कि जल्द कुछ और अहम जानकारियों से वे परदा उठायेंगे.

संदिग्ध आतंकियों के फोन कॉल में लिखे कोड ने पुलिस को उलझाया
कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार अलकायदा के संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकियों के पास से जब्त फोन का कोड सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी है. संदिग्धों के पास से लैपटॉप, पेन ड्राइव व छह मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. लापटॉप को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है, जबकि फोन कॉल के कोड को समझना काफी मुश्किल साबित हो रहा है.
एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों ने अपने फोन बुक में जानवर, पक्षी व घरेलू सामान के नाम से लोगों का मोबाइल नंबर सेव किया है. जांच अधिकारी बताते हैं कि अगर मोबाइल में मौजूद नंबर पर वे फोन करते हैं तो इनके गिरोह के सदस्य सतर्क हो सकते हैं. लिहाजा कोड को खोलने की प्रक्रिया हो रही है. सीमा पार करने के बाद इन लोगों ने यहां किन-किन से संपर्क किया है,मोबाइल के कोर्ड को डीकोड करने पर इसमें सफलता मिलेगी.

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