टनल बोरिंग मशीन से हेरिटेज भवनों को नहीं हुआ नुकसान
कोलकाता: इस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरीडोर के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) रविवार को राइटर्स बिल्डिंग और सेंट एंड्रयूज चर्च के करीब से गुजरी. हालांकि इन हेरिटेज इमारतों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा. प्राथमिक सर्वे से पता चला कि इन दोनों हेरिटेज भवनों को नुकसान नहीं हुआ. केएमआरसी के प्रवक्ता एके नंदी ने […]
कोलकाता: इस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरीडोर के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) रविवार को राइटर्स बिल्डिंग और सेंट एंड्रयूज चर्च के करीब से गुजरी. हालांकि इन हेरिटेज इमारतों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा. प्राथमिक सर्वे से पता चला कि इन दोनों हेरिटेज भवनों को नुकसान नहीं हुआ. केएमआरसी के प्रवक्ता एके नंदी ने बताया कि उक्त दोनों भवनों पर अगले छह माह तक नजर रखी जायेगी, ताकि बारीक से बारीक नुकसान को भी रोका जा सके.
हेरिटज भवनों के करीब से गुजरते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरती गयी. टीबीएम प्रेरणा, राइटर्स बिल्डिंग और सेंट एंड्रयूज चर्च के प्रभावित इलाके में गुरुवार सुबह पहुंची थी. टीबीएम प्रेरणा हावड़ा की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए कॉरीडोर बना रही है. केएमआरसी के मुताबिक राइटर्स बिल्डिंग को पार करके निकलना एक मील का पत्थर है. हालांकि जमीन के नीचे यह केवल दक्षता के साथ की गयी दैनिक प्रक्रिया ही है. राइटर्स बिल्डिंग भले ही राष्ट्रीय तौर पर सुरक्षित घोषित इमारत न हो लेकिन ब्रिटिश शासनकाल में यह भारत का प्रशासनिक केंद्र था.
इसके अलावा सेंट एंड्रयूज चर्च कोलकाता में मौजूद इकलौता स्कॉटिश चर्च है. राइटर्स बिल्डिंग के भीतर आइआइटी-रुढ़की के विशेषज्ञों तथा राज्य के लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स टीबीएम की यात्रा के दौरान कड़ी नजर रखे थे. निगरानी कमेटी के अधिकारी के मुताबिक अब तक का नतीजा संतोषजनक है. टीबीएम की यात्रा के पूर्व केएमआरसी की दो टीमों ने इन दोनों इमारतों के लिए सतर्कता उपाय अपनाये थे. केएमआरसी ने आइआइइएसटी के विशेषज्ञों को बतौर सलाहकार नियुक्त किया था तथा इन हेरिटेज ढांचों को मजबूती प्रदान करने के लिए उपाय अपनाये गये. प्रेरणा की यात्रा एस्प्लानेड तक होगी. उसके बाद वहां से उसे लेकर नयी साइट में भेजा जायेगा.