विश्व बांग्ला लोगो को लेकर मुकुल ने फिर बोला हमला, कहा लोगो मामले की जांच हो

कोलकाता. विश्व बांग्ला लोगो को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में बयान देकर कहा था कि विश्व बांग्ला लोगो को उन्होंने बनाया और राज्य सरकार को इसे दे दिया. किसी का नाम िलये बिना उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से दुष्प्रचार किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2017 9:46 AM
कोलकाता. विश्व बांग्ला लोगो को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में बयान देकर कहा था कि विश्व बांग्ला लोगो को उन्होंने बनाया और राज्य सरकार को इसे दे दिया. किसी का नाम िलये बिना उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से दुष्प्रचार किया जा रहा है.

गुरुवार को तृणमूल से भाजपा में गये मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो पर हमला बोला. मुकुल राय ने कहा: ममता बनर्जी कहती हैं कि विश्व बांग्ला का लोगो उन्होंने 2013 में बनाया था और एग्रीमेंट के बाद उसे राज्य सरकार को दे दिया था. जबकि कागजात के अनुसार 26 नवंबर 2013 को अभिषेक बनर्जी ने विश्व बांग्ला लोगो प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री के पास आवेदन किया था.

लेकिन अचानक उन्होंने (अभिषेक) 13 नवंबर 2017 को अपना आवेदन वापस ले लिया. इसी साल 10 नवंबर को जब मैंने इस मुद्दे को मीडिया के सामने लाया तब उन्होंने आनन-फानन में इसे वापस लिया. मुकुल राय ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल किया कि यदि मुख्यमंत्री ने एग्रीमेंट (समझौते) के बाद राज्य सरकार को विश्व बांग्ला लोगो दिया था तो फिर उसकी एग्रीमेंट कॉपी (समझौते की प्रतिलिपि) क्यों नहीं दिखातीं. कौन सही बोल रहे हैं- मुख्यमंत्री या अभिषेक. मुकुल ने कहा: मेरा मानना है कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए. एक साथ एक लोगो का व्यवहार दो लोग आखिर कैसे कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री को इसका जवाब जनता को देना चाहिए.
मुकुल सिर्फ कागज न दिखायें, साबित भी करें : पार्थ
कोलकाता. िशक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन कर मुकुल राय पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुकुल को अब केवल बोलने से काम नहीं चलेगा और वह जो कागज दिखा रहे हैं. इसके लिए उन्हें प्रमाणित भी करना होगा. उन्होंने कहा कि मुकुल ने पार्टी में रहते हुए जिस तरह से पार्टी को नुकसान पहुंचाया है वह अब पार्टी को समझ में आ गयी है.
इस कारण अंतत: उन्हें पार्टी से जाना पड़ा है और जनता को उनकी बातों पर कोई विश्वास नहीं है.

Next Article

Exit mobile version