दूसरे धर्म के लोेगों से बेहतर तालमेल बढ़ायें मुस्लिम : रहमान
कोलकाता : मुस्लिम इंस्टीच्यूट के 115 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ लोगों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से एक बात उभर कर सामने आयी कि मुसलमानों को अन्य धर्म के लोगों के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए उनको अपनी अच्छाई से प्रेरित करना होगा. तीन दिसंबर से शुरू […]
कोलकाता : मुस्लिम इंस्टीच्यूट के 115 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ लोगों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से एक बात उभर कर सामने आयी कि मुसलमानों को अन्य धर्म के लोगों के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए उनको अपनी अच्छाई से प्रेरित करना होगा. तीन दिसंबर से शुरू हुआ यह समारोह पांच दिसंबर तक चलेगा.
रविवार को इसका उद्घाटन समारोह हुआ, जिसमें पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास मंत्री व सांसद के रहमान खान, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम और सांसद नदीमुल हक के अलावा उर्दू अकादमी के पदाधिकारियों के साथ समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधि मौजूद थे. समारोह को उर्दू अकादमी के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है.
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए के रहमान खान ने मुस्लिम समुदाय को नसीहत दी कि आज जरूरत है मुसलमान समाज को अन्य धर्म और विचारधारा के लोगों के साथ बेहतर तालमेल रखते हुए अपनी अच्छाई उनको देना और उनकी अच्छाइयों को अपनाना, लेकिन अफसोस की बात है कि हमारे समाज के आलीम और समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाले लोग हमें इस दिशा में नहीं ले जाते.
श्री खान के मुताबिक मुसलमानों को केवल मांगनेवाली कौम के रूप में पेश करते हैं, जबकि हम इस देश के इज्जतदार नागरिक हैं. यहां कानून ने हमें बहुत कुछ दे रखा है. हमें कानून से लेना सीखना होगा. हालांकि हमारे रहनूमां ऐसा नहीं करते और समाज को राजनीतिक पार्टियों के बीच बांट देते हैं. हमें इससे बचना होगा. इसके लिए सबसे पहले खुद को इस देश का इज्जतदार नागरिक के रूप में पेश करना होगा.
मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि राज्य सरकार आज मुसलमान समाज के विकास के लिए काफी कुछ कर रही है. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है शिक्षा और रोजगार मुहैया कराना, जिसे हम पूरा कर रहे हैं. इस तरह के आयोजनों से समाज को खासतौर पर युवा समाज को एक सकारात्मक संदेश जायेगा. अन्य वक्ताओं ने भी समाज के विकास में सभी को साथ लेकर चलने की बात कही. अगले पांच दिनों तक चलनेवाले इस आयोजन में वाद विवाद प्रतियोगिता, मुशायरा, रशीद खान का सूफी संगीत और अब्दुल कलाम पर संगोष्ठी भी आयोजित किया गया है.