निजी स्कूलों में शिक्षकों की बढ़ रहीं दिक्कतें

कोलकाता : जीडी बिरला सेंटर फॉर एजुकेशन में हाल ही में हुई शर्मनाक घटना के बाद जहां पूरा शिक्षा जगत स्तब्ध है, वहीं शहर के कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को बार-बार अनुशासन बनाये रखने व सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है. इससे शिक्षकों में तनाव बढ़ रहा है. कुछ स्कूल प्रिंसिपलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2017 10:02 AM

कोलकाता : जीडी बिरला सेंटर फॉर एजुकेशन में हाल ही में हुई शर्मनाक घटना के बाद जहां पूरा शिक्षा जगत स्तब्ध है, वहीं शहर के कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को बार-बार अनुशासन बनाये रखने व सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है. इससे शिक्षकों में तनाव बढ़ रहा है. कुछ स्कूल प्रिंसिपलों का कहना है कि हम जानते हैं कि सभी शिक्षक खराब नहीं हो सकते हैं.

कई शिक्षक बच्चों के रोल मॉडल बने हुए हैं, उनके आदर्श हैं लेकिन अभी इस तरह का माहाैल हो गया है कि स्कूलों को कुछ कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं. जिस तरह इस घटना को प्रस्तुत किया गया है या अभिभावकों ने प्रदर्शन किया है, उसके बाद स्कूल कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहते हैं. खबर यह भी है कि कुछ स्कूलों में फिजिकल ट्रेनिंग टीचर्स व हाउस कीपिंग कर्मचारियों को स्कूल छोड़ने के लिए कहा जा रहा है.

कहीं-कहीं उनकी जगह महिला ट्रेनर व ज्यादा महिला हाउस कीपिंग को रखा जा रहा है. मिंटों पार्क स्थित एक स्कूल के शिक्षक ने बताया कि शिक्षकों के लिए यह काफी अपमानजनक स्थिति है. स्कूलों में लड़कियों की लगातार काउंसेलिंग करने के साथ-साथ शिक्षकों की भी बैठकें की जा रही हैं. बेनियापुकुर थाना के पास स्थित एक कोएड स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि ज्यादातर स्कूलों में फिजिकल ट्रेनर पुरुष ही हैं. पुरुषों को केवल इस अाधार पर नाैकरी से नहीं हटाया जा सकता है कि किसी स्कूल में एक शर्मनाक घटना हो गयी है.

दक्षिण कोलकाता के एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि दो दोषी शिक्षकों की सजा पूरे पुरुष शिक्षक समाज को नहीं दी जा सकती है. कुछ शिक्षक अभी भी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. वहीं उत्तर कोलकाता के एक शिक्षक का कहना है कि स्कूल प्रबंधन पुरुष शिक्षकों की जगह महिलाओं को रखने की बात कर रहे हैं. अभी स्कूलों में स्थिति यह है कि जूनियर सेक्शन में फिजिकल ट्रेनिंग टीचर्स व हाउस कीपिंग कर्मचारियों को लड़कियों से बात करने से भी मना कर दिया गया है.

स्कूल प्रिंसिपलों का कहना है कि वे किसी भी तरह का दबाव व खतरा नहीं मोल ले सकते हैं. एक प्रिंसिपल को काम करने के लिए टीम व प्रबंधन की जरूरत होती है. कुछ अभिभावकों ने भी पत्र लिख कर पुरुष फिजिकल ट्रेनिंग टीचर्स को हटाने की मांग की है. एक दूसरे स्कूल में अभिभावकों ने यह अपील की है कि स्कूल में पुरुष हाउस कीपिंग कर्मियों पर कड़ी निगरानी रखी जाये. पुरुष कराटे शिक्षक की जगह अब महिला कराटे की शिक्षिका को रखे जाने की योजना बनायी जा रही है.

Next Article

Exit mobile version