बंगाल में खुलेआम लोकतंत्र का उड़ाया जा रहा मजाक : मुकुल

मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर के बाहर भाजपा का धरना कहा : बंगाल में विरोधी दल के उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोका जा रहा कोलकाता : पश्चिम बंगाल में खुलेआम लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है. हालत यह है कि बंगाल लोकतंत्र का कत्लखाना बन गया है. इसको बचाने के लिए बंगाल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2017 9:01 AM
मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर के बाहर भाजपा का धरना
कहा : बंगाल में विरोधी दल के उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोका जा रहा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में खुलेआम लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है. हालत यह है कि बंगाल लोकतंत्र का कत्लखाना बन गया है. इसको बचाने के लिए बंगाल को गुजरात से सीखना चाहिये. यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल राय ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही.
उन्होने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को सचेत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है.गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जिस तरह शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हुआ है, उसको यहां भी लागू किया जाये. बंगाल में विरोधी दल के उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोका जा रहा है. विरोधी दल के कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है. उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी को अपना दायित्व निभाने की सलाह देते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनको यह पता होना चाहिये कि उनके इस पद तक पहुंचने की सारी कहानी की लिस्ट बनी हुई है. उसमें और इजाफा होगा, जो कि नहीं होना चाहिये.
सबंग में विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर उन्होंने कहा कि अगर गुजरात की तरह यहां भी सभी को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान करने दिया जाये तो भाजपा का उम्मीदवार जीतेगा, लेकिन बंगाल में जिस तरह से चुनाव होता है अगर उसी तरह से हुआ तो भी नतीजा चौंकानेवाला ही होगा. सबंग में भाजपा लोगों की पहली पसंद बन गयी है.
चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन में उन्होंने कहा : यह भी संयोग ही है, जब 2009 में लोकसभा का चुनाव पहले दौर का हो चुका था, तब भी मैंने यहां लोकतंत्र को बचाने की मांग लेकर सभा की थी. उस वक्त मैं तृणमूल कांग्रेस में था, लेकिन आज नीति आदर्श के सवाल पर मैं उससे दूर होकर यहीं पर सभा कर रहा हूं. कल तक जो मानस भुईंया कांग्रेस में थे और माकपा के साथ मिलकर विधायक बने थे. अब वो तृणमूल कांग्रेस में सांसद बन कर अपनी पत्नी को विधायक बनाने की कवायद कर रहे हैं. जाहिर सी बात है पद के लोभ में आने वाले लोग तृणमूल कांग्रेस की बदली नीति का फायदा उठा रहे हैं और मेरे जैसे लोग नीति आदर्श की दुहाई देते हुए एक बार फिर सड़कों पर है.
भाजपा के धरना प्रदर्शन में कनक भट्टाचार्य, संजय सिंह, विजय ओझा, सुनिता झंवर, राजेश यादव, जीवन कुमार सेन, सुनील सोनकर सहित भारी संख्य में भाजपा के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन गौतम चौधरी ने किया.
कोलकाता. भारतीय जनता महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस जिस तरह की भाषा सुनना पसंद कर रही है, भाजपा के कार्यकर्ता उनको वही भाषा सुनाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अब हमलोग जैसे को तैसा की नीति लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
तृणमूल को मदद करनेवाले पुलिस और अधिकारियों की लिस्ट बनायी जा रही है. उनके पास अभी भी वक्त है. वह निष्पक्ष होकर काम करें, क्योंकि यह तय है कि बंगाल में भाजपा सरकार में आयेगी. उस वक्त हमलोग लिस्ट में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर छोड़ेंगे नहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पंचायत चुनाव के पहले बाहर के सभी लोगों को बंगाल आने की बात कह रही हैं. सबंग में भाजपा उम्मीदवार अंतरा को प्रचार करने से रोका जा रहा है. भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थकों को जबरिया झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. ममता बनर्जी लोकतंत्र की दुहाई देते फिर रही हैं. अगर उनके अंदर दम है तो वह हिमाचल प्रदेश और गुजरात की तरह यहां भी चुनाव करवा कर दिखायें.
उन्होंने कहा कि सबंग में जिस तरह तृणमूल कांग्रेस बाहर से अपराधियों को बुलाकर हमला करवा रही है. उसका नतीजा उनको भुगतना पड़ेगा, क्योंकि हमलोग एक इंच भी जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. गुंडों की लिस्ट बन रही है.
हमलोग तृणमूल कांग्रेस की तरह नहीं है कि कल तक जो लोग लाल झंड़ा पकड़ कर तृणमूल कांग्रेस के लोगों पर हमला करते थे, वही लोग आज तृणमूल का झंड़ा पकड़कर सत्ता की मलाई खा रहे हैं. ऐसे लोगों को हम छोड़नेवाले नहीं हैं, क्योंकि वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा सरकार में आयेगी. इस तरह की हरकत करने वाले अपराधी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर या तो सलाखों के पीछे होंगे या फिर प्रदेश से बाहर होंगे.

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