आरजी कर मामले की चार्जशीट में सीबीआइ का दावा, 28 मिनट में घटना को अंजाम देने की आशंका
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की जांच कर रहे सीबीआइ ने गत सोमवार को कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की. सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए मामला सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 की पीठ को भेजा गया है. मामले से जुड़े सभी दस्तावेज पहले ही सौंपे जा चुके हैं. अब से इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 के कक्ष में होगी. करीब 213 पन्नों की चार्जशीट में 57 गवाहों के बयान से जुड़े दस्तावेज भी पेश किये गये हैं और दुष्कर्व व हत्या के मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सिर्फ एक ही शख्स संजय राय का नाम दर्ज है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ की चार्जशीट में यह दावा किया गया है कि राय के खिलाफ 11 सबूत हैं. सीबीआइ ने दावा किया है कि कई सबूत हैं कि जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस का पूर्व सिविक वाॅलंटियर राय ही मूल आरोपी है. संबंधित गवाहों के बयान, वीडियो और फोरेंसिक व वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सबूत मिले हैं.क्या हैं 11 सबूत
1. सीसीटीवी से पता चला है कि आरोपी नौ अगस्त को तड़के भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तले पर गया था. वहीं स्थित सेमिनार हाॅल से चिकित्सक की लाश मिली थी.
2. आरोपी के मोबाइल लोकेशन से सबूत मिले, जो आठ अगस्त की रात भी आरजी कर परिसर में था.3. पीड़िता के नाखूनों से मिले खून और त्वचा के निशान आरोपी के डीएनए से ‘मैच’ कर चुके हैं.
4. आरोपी के पैंट व जूते से मृतका के खून के धब्बे मिले हैं.5. घटनास्थल पर मिले छोटे-छोटे बाल आरोपी के बालों से मेल खाते हैं.
6. घटनास्थल से मिले ब्लूटूथ ईयरफोन आरोपी से जब्त फोन से जुड़ा था. आरोपी घटनास्थल की ओर गया था, तो उसके गले में ब्लूटूथ ईयरफोन था, पर लौटते वक्त नहीं.7. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व शव की जांच से पता चला कि मृतका के शरीर पर मिले चोट के निशान मेडिकल जांच से 24 से 48 घंटे पहले के थे. यह चोट आठ की मध्यरात्रि से नौ अगस्त तड़के के बीच की थी. दुष्कर्म व हत्या की घटना भी तभी हुई थी.
8. आरोपी के शरीर पर मिले निशान पीड़िता के विरोध करने के कारण बने थे.9. जांच में ऐसा सबूत नहीं मिला कि आरोपी संभोग में असमर्थ था.
10. सीएफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के अंडरगार्मेंट की सिलाई जैसे फटी थी, उससे पता चलता है कि उसे जबरन खोला गया था. पीड़िता की कुर्ती कमर के पास दोनों किनारे फटी हुई थी. 11. सीबीआइ ने आरोप पत्र में कहा कि जांच में यह पता चला है कि मौके से बरामद वीर्य और लार, गिरफ्तार सिविक वालंटियर का ही था.नौ अगस्त को तड़के 4.03 से 4.31 बजे के बीच आरोपी ने दिया घटना को अंजाम
सीबीआइ की चार्जशीट में यह भी आशंका जतायी गयी है कि चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या करीब 28 मिनटों में यानी नौ अगस्त को तड़के 4.03 बजे से 4.31 बजे के अंतराल में अंजाम दी गयी. मामले की पहले जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने 10 अगस्त को मुख्य आरोपी राय को गिरफ्तार किया था. कोलकाता पुलिस ने पहले ही यह भी आशंका जतायी थी कि दुष्कर्म व हत्या की घटना सुबह चार से 4.30 बजे के बीच हुई होगी. अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करके आरोपी की गतिविधि का विश्लेषण किया गया था. सीबीआइ ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा किये गये सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के सीसीटी फुटेज और कोलकाता पुलिस द्वारा अस्पताल परिसर से एकत्र किये सीसीटीवी फुटेज को देखकर आरोपियों की गतिविधि का पता चला. आरजी कर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के प्रवेश द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पता चला कि आरोपी नौ अगस्त को तड़के 3.34 बजे इमारत में दाखिल हुआ. उसने टी-शर्ट और जींस पहन रखी थी. बाएं हाथ में हेलमेट पकड़ा हुआ था. गले में हेडफोन लटका हुआ था. आरोपी बिल्डिंग के सुरक्षाकर्मियों से बात करने के बाद अंदर दाखिल हुआ. दो मिनट बाद वह चला गया.आधे घंटे बाद आरोपी सेमिनार रूम में दाखिल हुआ. इसके बाद तड़के 4.31 बजे उसे वहां से निकलते हुए देखा गया. नौ अगस्त को तड़के करीब 4.32 बजे आरोपी चौथी मंजिल से नीचे उतरता देखा गया. सीबीआइ ने आरोप पत्र में बताया है कि आरोपी के बाहर निकलते हुए यहा देखा गया उसके हेडफोन नहीं पहना था. वही हेडफोन बाद में कोलकाता पुलिस ने घटनास्थल से जब्त किया था. दरअसल, कोलकाता पुलिस ने दावा किया था कि उस हेडफोन के आधार पर ही उनके जांचकर्ताओं ने सिविक वाॅलंटियर को गिरफ्तार किया था. गौरतलब है कि नौ अगस्त की सुबह आरजी कर अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग की चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से महिला चिकित्सक का रक्तरंजित शव बरामद हुआ था. 10 अगस्त को मुख्य आरोपी सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार कर लिया. कोलकाता पुलिस की तरफ से इस मामले में एक ही आरोपी के लिप्त होने का दावा किया गया था. इसके बाद हाइकोर्ट के निर्देश पर जांच की कमान सीबीआइ ने संभाली. इसके बाद मामले की जांच के तहत सीबीआइ ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष एवं टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया. दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप है. हालांकि, घटना का मूल आरोपी राय ही बताया गया है.
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