भाजपा का बूथ मैनेजमेंट फिसड्डी साबित हुआ

कोलकाता: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश नेताओं को बार-बार बूथ स्तर पर कमेटी बनाने व संगठन को मजबूत करने की दि‍शा में आगे बढ़ने के निर्देश दिये जाने के बावजूद चुनाव मैनेजमेंट और बूथ मैनेजमेंट में प्रदेश भाजपा फिसड्डी साबित हुई है. इस बात को दबे स्वर में भाजपा के प्रदेश नेता भी स्वीकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2017 10:19 AM

कोलकाता: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश नेताओं को बार-बार बूथ स्तर पर कमेटी बनाने व संगठन को मजबूत करने की दि‍शा में आगे बढ़ने के निर्देश दिये जाने के बावजूद चुनाव मैनेजमेंट और बूथ मैनेजमेंट में प्रदेश भाजपा फिसड्डी साबित हुई है. इस बात को दबे स्वर में भाजपा के प्रदेश नेता भी स्वीकार करने लगे हैं.

सबंग उपचुनाव के दौरान लगातार हिंसा की खबर आ रही थी. संगठन महामंत्री सुब्रत चटर्जी, शायंतन बोस समेत कई वरिष्ठ नेता वार रूम से स्थिति को संभालने और आवश्यक दिशानिर्देश देते नजर आये. आनन-फानन में चुनावी हिंसा के विरोध में खड़गपुर और कोलकाता में चुनाव आयोग के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आये. लगातार हिंसा की खबर आ रही थी, लेकिन चुनाव आयोग के पास इसकी शिकायत करने के लिए बनी कमेटी शिशिर बाजोरिया और प्रभाकर तिवारी के अलावा जय प्रकाश मजुमदार पूरी तरह अनजान रहे. उनके पास शाम पांच बजे तक बूथ स्तर पर हुई हिंसा और स्थिति की पूरी स्पष्ट छवि नहीं मिल पायी. चुनाव आयोग के पास शिकायत करने के लिए इन लोगों ने छह बजे का वक्त भी ले रखा था. लिहाजा इन लोगों का परेशान होना लाजमी था.

स्थिति से नाराज एक वरिष्ठ नेता खुलेआम प्रदेश मुख्यालय में कहते नजर आये हमारे एजेंट डर से या लोभ से घरों में बैठ गये हैं. वह हिंसा हिंसा का राग अलाप रहे हैं, लेकिन किन-किन बूथों पर हिंसा हुई है इसकी वह लिस्ट नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग से शिकायत करने के नाम पर हमें केवल खानापूर्ति ही करनी होगी. हालांकि बाद में भाजपा की तरफ से स्थिति को संभालने की जी तोड़ कोशिश हुई. पूरे मतदान के वक्त बूथ स्तर पर मैनेजमेंट के मामले में भाजपा पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई.

इस बात की चर्चा पूरे दिन भाजपा दफ्तर में होती रही. हालांकि जब संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंगाल में लोकतंत्र के नहीं होने की बात कहते हुए अपने दो कार्यकर्ताओं के अपहरण और 31 कार्यकर्ताओं के लापता होने के साथ कुल 306 बूथों में से 150 पर तृणमूल कांग्रेस के जबरिया कब्जे की बात कह रहे थे, उस वक्त उनसे सवाल किया गया कि इसका मतलब क्या भाजपा अभी से चुनाव में हार मान ली है? इस सवाल पर उनका त्वरित जवाब आता है कि अबी चुनाव चल रहा है. हार मानने का सवाल कहां से आता है.

Next Article

Exit mobile version