फिर जोर पकड़ने लगा है चिटफंड जांच का मामला
कोलकाता : पिछले दिन प्रधानमंत्री कार्यालय से कोलकाता के सीजीओ कंप्लेक्स स्थित सीबीआइ के दफ्तर में पहुंची चिट्ठी को लेकर चिटफंड मामले की धीमी पड़ गयी जांच में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है. सूत्रों के अनुसार विधाननगर नाॅर्थ थाने के दो पुलिस अधिकारी (जो मुख्य रूप से जांच दल में थे) से […]
कोलकाता : पिछले दिन प्रधानमंत्री कार्यालय से कोलकाता के सीजीओ कंप्लेक्स स्थित सीबीआइ के दफ्तर में पहुंची चिट्ठी को लेकर चिटफंड मामले की धीमी पड़ गयी जांच में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है. सूत्रों के अनुसार विधाननगर नाॅर्थ थाने के दो पुलिस अधिकारी (जो मुख्य रूप से जांच दल में थे) से फिर पूछताछ हो सकती है.
उन्हें फिर से बुलाया जा सकता है. इन दो अधिकारियों को पहले भी सीबाआइ बुला चुकी है. दूसरी तरफ, कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. वर्ष 2013 में राज्य पुलिस ने उनके ही नेतृत्व में सारधा मामले की जांच शुरू की थी. बुलाने पर भी वह नहीं गये, उल्टे राजीव कुमार ने सीबीआइ प्रमुख आलोक वर्मा को पत्र लिख कर इस बात पर नाराजगी जतायी है कि क्यों उन्हें नोटिस भेजा गया.
इधर, सारधा कांड की जांच प्रक्रिया को लेकर सांसद कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र भी लिखा था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार के निर्देश पर विधाननगर कमिश्नरेट ने एक विशेष दल का गठन किया था, जो कि जांच सही तरीके से नहीं किया. कई महत्वपूर्ण प्रमाण भी दल ने नष्ट कर दिया. कुणाल घोष के पत्र की प्रति सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर को भी भेजी गयी है. इसमें उन्होंने मांग की थी कि आरोप काफी गंभीर है,
लिहाजा इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. इसके बाद वह पत्र प्रधानमंत्री कायार्लय में भेजा गया. जहां से वह पत्र सीबीआइ के पास पहुंचा. इसके आधार पर सीबीआइ फिर मामले की जांच में तेजी लाने जा रही है. पूरे मामले में नाॅर्थ थाने की पुलिस की भूमिका और जांच अधिकारियों की निष्पक्षता की जांच की जायेगी.