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बांधों में जलस्तर की जांच के लिए आइटी तकनीक का होगा प्रयोग

कोलकाता. राज्य में प्रत्येक वर्ष विभिन्न बांधों से छोड़े जानेवाले पानी से कई जिले बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं, इस समस्या के समाधान के लिए सिंचाई विभाग ने नयी आइटी तकनीक का प्रयोग करने का फैसला किया है. इस तकनीक से किसी भी बांध के जल स्तर का पता लगाया जायेगा और खतरे के निशान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2017 8:41 AM
कोलकाता. राज्य में प्रत्येक वर्ष विभिन्न बांधों से छोड़े जानेवाले पानी से कई जिले बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं, इस समस्या के समाधान के लिए सिंचाई विभाग ने नयी आइटी तकनीक का प्रयोग करने का फैसला किया है.
इस तकनीक से किसी भी बांध के जल स्तर का पता लगाया जायेगा और खतरे के निशान में पानी का स्तर पहुंचते ही इसे कम करने की व्यवस्था की जायेगी. अब तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित बांधों में मानव चालित व्यवस्था से जल स्तर की जांच की जाती है, इससे सही परिमाप भी नहीं होता. इस संबंध में राज्य के सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस नयी तकनीक में सैटेलाइट से फोटो, सीसीटीवी, सेंसर सिस्टम, रेडियाे फ्रीक्वेंसी जैसे तकनीक के माध्यम से विभिन्न नदियों के जल प्रवाह की गति, बांध में पानी के स्तर बढ़ने व घटने की तस्वीर को कंट्रोल रूम में देखा जा सकेगा. अगर किसी दूसरे राज्य में स्थित बांध से पानी छोड़ा जाता है तो यहां की नदी का जल स्तर कितना बढ़ा है, इसका भी पता चल जायेगा.
इससे सिंचाई विभाग पहले से ही समस्या के निपटान में जुट जायेगी. इस संबंध में राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने इस नये तकनीक का प्रयोग शुरू किया है. प्रथम चरण में लगभग 35 वर्ष पुराने तीस्ता बांध में इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, दुर्गापुर, तिलपाड़ा बांध, कंसावती बांध में भी इस तकनीक का प्रयोग किया जायेगा.

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