महानगर में कुत्तों के लिए खुलेगा एसी होलीडे होम
अनोखी पहल l 5-10 कुत्तों को रखने की होगी व्यवस्था, परोसे जायेंगे शाकाहारी व मांसाहारी भोजन कोलकाता : महानगर में कुत्तों के लिए एसी होलीडे होम खुलने जा रहा है. इस होलीडे होम में रहनेवाले कुत्तों विशेष प्रकार की खानपान की व्यवस्था के साथ इलाज की भी व्यवस्था रहेगी. महानगर के 276 बिपिन बिहारी गांगुली […]
अनोखी पहल l 5-10 कुत्तों को रखने की होगी व्यवस्था, परोसे जायेंगे शाकाहारी व मांसाहारी भोजन
कोलकाता : महानगर में कुत्तों के लिए एसी होलीडे होम खुलने जा रहा है. इस होलीडे होम में रहनेवाले कुत्तों विशेष प्रकार की खानपान की व्यवस्था के साथ इलाज की भी व्यवस्था रहेगी. महानगर के 276 बिपिन बिहारी गांगुली स्ट्रीट स्थित सीएसपीसीए वेटेनरी हॉस्पिटल में होलीडे होम को खोला जायेगा.
क्या है होलीडे होम : ऐसे लोग जो अपने कुत्तों को छोड़कर अपने किसी कार्य से पूरे परिवार के साथ कुछ दिनों के लिए कोलकाता के बाहर जाना चाहते हैं, वैसे लोग यहां अपने कुत्ते को रख सकेंगे. एसी होली डे होम में उन कुत्तों को रखा जायेगा, जो एसी के बगैर नहीं रहे सकते. गौरतलब है कि यहां पहले से एक नॉन एसी होली डे होम भी है जहां कुत्तों को रखने का शुल्क प्रति माह करीब 2000 रुपया है.
मिलेगा शाकाहारी व मांसाहारी भोजन : होलीडे होम में रहनेवाले कुत्तों के शाकाहारी व मांसाहारी, दोनों ही प्रकार के भोजन की व्यवस्था रहेगी. दिन में दो से तीन बार इन्हें भोजन दिया जायेगा. मांसाहारी कुत्तों को चिकन व चावल दिया जायेगा. होलीडी होम के लिए कुत्ते के मालिक को एक महीने के लिए करीब 5000 रूपया खर्च करना पड़ सकता है. वहीं होलीडे होम में कुत्तों को घर की तरह ही देख-भाल की जायेगी.
20-25 हजार रुपये की दरकार
सीएसपीसीए वेटेनरी हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ समीर शील ने कहा कि एसी होलीडे होम चालू करने के लिए हमें 20-25 हजार रुपये के फंड की जरूरत है क्योंकि एक कार्यकारी कमेटी व सरकार द्वारा अस्पताल का संचालन किया जाता है. अस्पताल के संचालन के लिए सरकार की ओर से हमें फंड आवंटित नहीं किया जाता है. सरकार की ओर केवल अस्पताल कर्मियों के वेतन का भुगतान होता है. अस्पताल के अाउटडोर में इलाज व सर्जरी के लिए पहुंचनेवाले लोग अपनी खुशी से डोनेशन देते हैं और इसी डोनेशन की राशि से अस्पताल को चला जा रहा है. इसलिए हमें ऐसे व्यक्ति की तलाश है जो हमें इस कार्य के लिए डोनेशन दे ताकि जल्द इस परिसेवा को चालू कर सकें. इसके चालू होने से अस्पताल को भी आय होगी.