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पश्चिम बंगाल के पांच जिले विकास की दौड़ में पीछे

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केंद्र ने जारी की रिपोर्ट राज्य सरकार ने मानने से किया इनकार न्यू इंडिया 2022 योजना में शामिल करना चाहता है केंद्र राज्य ने प्रस्ताव को किया खारिज कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार व केंद्र के बीच एक बार फिर योजना को लेकर रस्सा-कस्सी शुरू हो गयी और बंगाल सरकार ने केंद्र द्वारा शुरू की […]

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केंद्र ने जारी की रिपोर्ट

राज्य सरकार ने मानने से किया इनकार
न्यू इंडिया 2022 योजना में शामिल करना चाहता है केंद्र
राज्य ने प्रस्ताव को किया खारिज
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार व केंद्र के बीच एक बार फिर योजना को लेकर रस्सा-कस्सी शुरू हो गयी और बंगाल सरकार ने केंद्र द्वारा शुरू की गयी योजना में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. देश में अब भी 115 जिलों में आधारभूत सुविधाओं का समुचित विकास नहीं हुआ है, यानी ये सभी जिले आज भी पिछड़े जिलों की तालिका में हैं.
इन 115 जिलों में से पांच जिले पश्चिम बंगाल के भी हैं. ऐसी ही रिपोर्ट केंद्र सरकार ने पेश की है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र की इस रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल के पांच जिले नदिया, वीरभूम, मुर्शिदाबाद, दक्षिण दिनाजपुर व मालदा का नाम शामिल है.
केंद्र सरकार इन पांचों जिलों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए इन्हें ‘न्यू इंडिया 2022’ योजना में शामिल करना चाहती है. इस संबंध में केंद्र ने राज्य सरकार को पत्र देकर प्रस्ताव पेश किया है. लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. राज्य सचिवालय नबान्न भवन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के पत्र का जवाब नहीं देने का फैसला किया है और साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जायेगा.
गौरतलब है कि पांच जनवरी को पीएमओ कार्यालय से देश के सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के जिलाधिकारियों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था.
सूची में नदिया, वीरभूम, मुर्शिदाबाद, दक्षिण दिनाजपुर व मालदा के नाम शामिल
क्या है न्यू इंडिया 2022 योजना
केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में 115 जिले अभी भी पिछड़े जिलों की सूची में शामिल हैं, जहां अभी भी पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं. इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास संबंधी सुविधाएं पर्याप्त नहीं है. इसलिए इन क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा जिस भी योजना के लिए राशि आवंटित की जाती है, उन पर निगरानी रखने के लिए प्रत्येक जिले के लिए एक-एक अधिकारी नियुक्त किया जायेगा, जो योजनाओं की काम-काज पर निगरानी रखेगा.
क्या है राज्य सरकार का तर्क
पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार के इस रिपोर्ट को मानने का इनकार कर दिया है. राज्य सरकार का कहना है कि वह केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करेगी. इन जिलों में आधारभूत सुविधाओं का समुचित विकास हुआ है और अगर कहीं कुछ काम बाकी है तो उसे भी राज्य सरकार पूरा करेगी.

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