प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों को रुलाया
55-60 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है प्याज सियालदह कोले मार्केट में हर रोज आता था 18 ट्रक प्याज एक पखवाड़े से सिर्फ 10 ट्रक प्यास ही आ रहा है कोलकाता : कोलकाता में बढ़ी प्याज की कीमतें बंगाल के लोगों को रुला रही हैं. बाजार में प्याज 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम […]
55-60 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है प्याज
सियालदह कोले मार्केट में हर रोज आता था 18 ट्रक प्याज
एक पखवाड़े से सिर्फ 10 ट्रक प्यास ही आ रहा है
कोलकाता : कोलकाता में बढ़ी प्याज की कीमतें बंगाल के लोगों को रुला रही हैं. बाजार में प्याज 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है. राज्य में में प्याज की आपूर्ति आमतौर पर नासिक, मध्य प्रदेश और दक्षिण के राज्यों से होती है. गत एक सप्ताह के दौरान प्याज की कीमतों में करीब 15 रुपये प्रतिकिलो का इजाफा हुआ है. राज्य सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स के सदस्य रवींद्र कोले ने कहा कि राज्य में प्याज की आपूर्ति कम होना, कीमतों में वृद्धि का प्रमुख कारण है. कोलकाता की प्रमुख मंडी सियालदह कोले मार्केट में हर रोज 18 ट्रक प्याज की खेप आती थी. एक पखवाड़े से केवल 10 ट्रक प्याज ही आ रहा है.
श्री कोले ने बताया कि प्याज का उत्पादन और आपूर्ति, दोनों कम हो रही है. फिलहाल दक्षिण भारत से ही प्याज की खेप बंगाल में आ रही है. राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने बताया कि सरकार ने व्यापारियों को सतर्क किया है कि वे प्याज का कृत्रिम संकट पैदा ना करें. उन्होंने कहा कि यह स्थिति अस्थायी है.
राज्य सरकार अपनी योजना सुफल बांग्ला के माध्यम से लोगों को सस्ती दर पर प्याज उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि बंगाल में सालाना आठ लाख टन प्याज की खपत होती है.
प्याज को लेकर दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार बांकुड़ा, पुरुलिया, नदिया समेत दूसरे जिलों में प्याज की खेती पर जोर दे रही है. फिलहाल श्री कोले ने बताया कि नासिक से प्याज की आपूर्ति शुरू होने के पश्चात स्थिति सुधर जायेगी. उम्मीद है कि फरवरी के मध्य तक प्याज की कीमतें कम हो जायेंगी. वर्ष 2016-17 में देश में प्याज का उत्पादन 224 लाख टन था. चालू फसल के सीजन में प्याज की बुवाई गत वर्ष 13 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 2017-18 में 1.10 लाख हेक्टेयर कम होकर 11.9 लाख हेक्टेयर पर ही हुई है. कारण यह कि बुवाई के वक्त महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कम बारिश हुई थी. इस साल देश में 214 लाख टन प्याज का उत्पादन होने का अनुमान है.