गोरुमारा व लाटागुड़ी की सड़क पर विशेष सतर्कता
एनएच-31 पर 24 घंटे गश्त लगाने का निर्णय विभिन्न स्थानों पर लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे तीन साल में वाहनों के धक्के से 20 वन्य प्राणियों की मौत मयनगुड़ी : अनियंत्रित वाहनों के चलते लगातार वन्य प्राणियों की मौत की घटनाओं के बाद वन विभाग नींद से जागा है. इसके लिये अब लाटागुड़ी-चालसा एनएच-31 पर 24 […]
एनएच-31 पर 24 घंटे गश्त लगाने का निर्णय
विभिन्न स्थानों पर लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे
तीन साल में वाहनों के धक्के से 20 वन्य प्राणियों की मौत
मयनगुड़ी : अनियंत्रित वाहनों के चलते लगातार वन्य प्राणियों की मौत की घटनाओं के बाद वन विभाग नींद से जागा है. इसके लिये अब लाटागुड़ी-चालसा एनएच-31 पर 24 घंटे गश्त लगायी जायेगी ताकि वाहनों पर लगाम कसा जा सके. वहीं, वन विभाग ने इस राजमार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे ताकि अनियंत्रित वाहनों पर नजर रखी जा सके और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके. गश्त के लिये पुलिस प्रशासन से भी सहयोग लिया जायेगा. इसके अलावा वाहनों के परिचालन के लिये लाटागुड़ी से बड़ोदिघी होते हुए मालबाजार जाने वाली विकल्प सड़क का उपयोग करने पर पर्यावरण प्रेमी संगठनों से ताजा प्रस्ताव आया है. इसके लिये पर्यावरण प्रेमी संगठन ने पहले भी कई बार प्रस्ताव दिये हैं.
उल्लेखनीय है कि अनियंत्रित वाहन परिचालन जंगल के वन्य प्राणियों के लिये जानलेवा साबित हो रहा है. पिछले कई साल से इस सड़क पर वाहनों के धक्के से 20 वन्य प्राणियों की मौत हो चुकी है. इनमें 7 बाइसन, 2 तेंदुए, 3 सांभर, 5 बंदर और 3 लेपोर्ड कैट शामिल हैं. बीते गुरुवार को ही वाहन के धक्के से एक बाइसन और एक हिरण की मौत हो गयी थी. जलपाईगुड़ी वन विभाग के डीएफओ विद्युत सरकार ने बताया कि गश्त लगाने के लिये वन विभाग और गोरुमारा वन्य प्राणी डिवीजन संयुक्त रुप से उतरेंगे. गश्त के लिये एक वाहन का भी उपयोग किया जायेगा. सड़क पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाने पर विचार किया जा रहा है. इससे दुर्घटनाओं पर रोक लगने के अलावा शिकार की घटनाओं पर भी लगाम लगेगा. वहीं, विकल्प सड़क के बारे में पर्यावरण प्रेमी संगठन ‘ स्पर ‘ के सचिव श्यामा प्रसाद पांडेय ने बताया कि विकल्प सड़क का उपयोग करने से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी. वहीं, इस विकल्प सड़क से लाटागुड़ी से चालसा की दूरी आठ किमी बढ़ेगी जरूर लेकिन लाटागुड़ी-मालबाजार की दूरी कम जो जायेगी. हालांकि मालबाजार शहर चालसा से अधिक महत्वपूर्ण है. इसलिये इससे लोगों को लाभ ही अधिक होगा. उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर कई बार प्रशासन से अनुरोध किया गया है. इसको लेकर उनका संगठन आंदोलन शुरु करने पर विचार कर रहा है. वहीं, वन्य प्राणियों की मौत की घटनाओं पर रोक के लिये प्रशासन से हरसंभव सहयोग किया जायेगा.