पत्र वापस ले, नहीं तो होगा आंदोलन

ट्रेन सेवा बंद करने के मामले पर राज्य सरकार ने रेलवे को दिया 31 तक अल्टीमेटम रेलवे ने राज्य से मांगी घाटे में चल रहे आठ रूट पर ट्रेन चलाने के लिए आधी धनराशि कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि रेलवे ने राज्य सरकार के पास जो पत्र भेजा है, वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2018 4:08 AM

ट्रेन सेवा बंद करने के मामले पर राज्य सरकार ने रेलवे को दिया 31 तक अल्टीमेटम

रेलवे ने राज्य से मांगी घाटे में चल रहे आठ रूट पर ट्रेन चलाने के लिए आधी धनराशि
कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि रेलवे ने राज्य सरकार के पास जो पत्र भेजा है, वह 31 जनवरी तक उसे वापस ले ले, नहीं तो आंदोलन किया जायेगा. इसके लिए तृणमूल कांग्रेस की ओर से रेलवे को 31 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है. यह अल्टीमेटम तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने तृणमूल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिया.
तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रेलवे के फैसले का शुरू से ही विरोध करती आ रही हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा भेजा गया यह पत्र दरअसल भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध है. अगर 31 जनवरी तक रेलवे ने इस पत्र को वापस नहीं लिया, तो हम आंदोलन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि पूर्व रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखा था कि ये मार्ग लाभकारी नहीं हैं. अगर राज्य सरकार यहां घाटे की आधी राशि की भरपाई नहीं करती, तो इन रूटों पर ट्रेनों को चलाना संभाव नहीं है. पार्थ चटर्जी ने पूछा कि राज्य सरकार से चर्चा किये बिना रेलवे के अधिकारी कैसे इस तरह का निर्णय ले सकते हैं? यह केंद्र सरकार की परियोजना है, राज्य सरकार क्यों भुगतान करेगी? श्री चटर्जी ने कहा कि क्या जनहित परियोजनाओं पर सरकार केवल लाभ और हानि के आधार पर कैसे फैसला ले सकती है. यदि कोई मार्ग लाभदायक नहीं है, तो आप बस-ट्रेनों को रोक नहीं सकते हैं. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने तृणमूल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे ने कभी नहीं कहा कि वे मार्ग बंद करेंगे उन्होंने केवल इतना कहा है कि ये व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं हैं. यदि राज्य सरकार को जनता के हित की परवाह है, तो वे घाटे का 50 प्रतिशत लागत क्यों नहीं उठाती है.
सुजन ने भी किया विरोध :
इस मसले को लेकर विधानसभा में वाम परिषदीय दल के नेता डॉ सुजन चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने उपरोक्त फरमान के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग की है.
क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को राज्य सरकार के पास रेलवे ने एक पत्र देकर कहा है कि राज्य के आठ रूट पर रेल सेवा चलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है.
रेलवे का कहना है कि इतना घाटा वह अभी उठाने की स्थिति में नहीं है. अगर जनहित की भावना का ख्याल करते हुए, राज्य सरकार इन रूटों पर सेवा जारी रखना चाहती है, तो वह घाटे का आधा हिस्सा खुद वहन करे.

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