200 करोड़ से होगा मिलन मेला परिसर का कायाकल्प

अगले 18 महीने में पुनर्विकास का कार्य होगा पूरा तब तक मिलन मेला में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक मुख्यमंत्री वहां स्थायी ऑडिटोरियम बनाना चाहती हैं कोलकाता : महानगर में साइंस सिटी के पास स्थित मिलन मेला का कायाकल्प करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. पश्चिम बंगाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2018 4:11 AM

अगले 18 महीने में पुनर्विकास का कार्य होगा पूरा

तब तक मिलन मेला में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक
मुख्यमंत्री वहां स्थायी ऑडिटोरियम बनाना चाहती हैं
कोलकाता : महानगर में साइंस सिटी के पास स्थित मिलन मेला का कायाकल्प करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआइडीसी) ने यहां औद्योगिक मेला का आयोजन करने के लिए मिलन मेला का निर्माण किया था, लेकिन मिलन मेला में आधुनिक आधारभूत सुविधाओं की कमी है. इसके लिए राज्य सरकार ने इसका पुनर्विकास करने की योजना बनायी है और इस पर राज्य सरकार द्वारा लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. निगम ने पुनर्विकास कार्य के लिए 10 महीने का समय मांगा है और अगले दो वर्षों तक यहां किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री चाहती हैं कि मिलन मेला में ही विभिन्न औद्योगिक मेला व पुस्तक मेला का आयोजन किया जाये, लेकिन यहां अत्याधुनिक आधारभूत सुविधाएं होनी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना आये. यहां फिलहाल जितने हैंगर हैं, वहां 500-700 लोग बैठ सकते हैं और इससे अधिक संख्या होने पर अस्थायी ऑडिटोरियम का निर्माण करना पड़ता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां स्थायी ऑडिटोरियम बनाना चाहती हैं.
जानकारी के अनुसार, जेएलएल नामक एक विशेषज्ञ कंपनी ने मिलन मेला प्रांगण का नया डिजाइन तैयार किया है, इनमें छह ऑडिटोरियम बनाये गये हैं. इनमें से दो ऑडिटोरियम में दो- ढाई हजार लोग एक साथ बैठक पायेंगे. इसके साथ ही यहां चार कांफ्रेंस हॉल बनाये जायेंगे और साथ ही एक ओपेन स्पेस ऑडिटोरियम, दो प्रदर्शनी हॉल व एक ओपेन स्पेस प्रदर्शनी क्षेत्र का निर्माण किया जायेगा. इसके साथ ही यहां फूडपार्क व कैफेटेरिया के साथ ही एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग का भी निर्माण किया जायेगा.

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