19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्नी की याद में कुत्तों का अस्पताल बनवायेंगे मंत्री

हॉस्पिटल का नाम होगा बबली चटर्जी मेमोरियल पेट हॉस्पिटल कोलकाता : अपनी पत्नी की याद को जिंदा रखने के लिए पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुत्तों के लिए अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू की है. उनका कहना है कि डॉग लवर पत्नी की याद में इससे बेहतर और कोई काम नहीं. शिक्षा […]

हॉस्पिटल का नाम होगा बबली चटर्जी मेमोरियल पेट हॉस्पिटल

कोलकाता : अपनी पत्नी की याद को जिंदा रखने के लिए पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुत्तों के लिए अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू की है. उनका कहना है कि डॉग लवर पत्नी की याद में इससे बेहतर और कोई काम नहीं.
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुत्तों के लिए कोलकाता में अस्पताल खोलने की तैयारी शुरू की है. यह अस्पताल वह अपनी पत्नी की याद में बनवा रहे हैं, जिनका जुलाई 2017 में निधन हो गया था. हॉस्पिटल का नाम होगा बबली चटर्जी मेमोरियल पेट हास्पिटल. यह अस्पताल ट्रस्ट के जरिए संचालित होगा. मंत्री की विदेश में रहनेवाली बेटी आजकल दक्षिण कोलकाता के घर में छह पालतू कुत्तों के साथ रहती हैं. मंत्री कहते हैं : मेरी पत्नी सच्ची डॉग लवर थीं, वह उनकी बहुत देखभाल करतीं थीं, डॉक्टर के पास ले जाकर दवाएं भी दिलातीं थीं. इस नाते मैने सोचा क्यों न कुत्तों के लिए अस्पताल बनाकर पत्नी की स्मृतियों को जिंदा रखा जाये.
मंत्री कहते हैं कि देर रात की पार्टी या फिर प्रशासनिक बैठकों से जब भी वे देर रात घर लौटते हैं तो उन्हें अपने बिस्तर पर जगह नहीं मिलती, वजह कि तब तक उनके पालतू बिस्तर पर कब्जा कर लेते हैं. कई बार तो उन्हें फर्श पर रात बितानी पड़ी.
श्री चटर्जी पहली बार 2001 में विधायक बने. काफी व्यस्त नेताओं में गिनती होती है. वे शिक्षा के साथ संसदीय कार्य मंत्री और पार्टी के प्रवक्ता भी हैं. खास बात है कि मंत्री अपने पालतू कुत्तों की निजता का खासा ख्याल रखते हैं. उनकी न तो खुद सोशल मीडिया पर फोटो डालते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को फोटो खिंचाने देते हैं.
मंत्री के मुताबिक दक्षिण कोलकाता के बाघा जतिन रेलवे स्टेशन के पास ट्रस्ट के नाम 17 एकड़ जमीन है, जहां अस्पताल की स्थापना होगी. हालांकि उन्होंने अस्पताल की परियोजना लागत का खुलासा नहीं किया है.
मंत्री पार्थ चटर्जी कहते हैं : कोलकाता में पशु अस्पताल की कमी है. मेरी पत्नी अक्सर इस बारे में मुझसे बात करती थी. ट्रस्ट के अधिकारी प्रसिद्ध पशु चिकित्सकों से बात कर रहे हैं, ताकि अस्पताल में कुत्तों के लिए सारी सुविधाएं हों. मैने अधिकारियों को जल्द से जल्द परियोजना को मूर्त रूप देने को कहा है.
बता दें कि जून 2015 में कुत्ते को लेकर पं.बंगाल की राजनीति गरम हुई थी, जब सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली विधायक डॉ. निर्मल मांझी ने अपने एक परिचित के कुत्ते को राज्य सरकार के अधीन संचालित एसएसकेएम हास्पिटल में डायलिसिस के लिए भेजा था, जहां अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रदीप मिश्रा ने इलाज से इनकार किया था तो उन्हें पद से हटा दिया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें