मुश्किल से संभली जिंदगी फिर मझधार में अटकी

पिता की मौत से छह बहनों पर टूटा था विपत्ति का पहाड़ कड़ी मेहनत कर संभाली थी दुकान, लेकिन आग ने यह सहारा भी छीन लिया मनोरंजन सिंह कोलकाता : एक साल पहले सरस्वती पूजा के दिन छह बहनों पर मुसीबत का पहाड़ टूटा था, जब उनके पिता का देहांत हो गया. उस सदमें अभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2018 5:50 AM
पिता की मौत से छह बहनों पर टूटा था विपत्ति का पहाड़
कड़ी मेहनत कर संभाली थी दुकान, लेकिन आग ने यह सहारा भी
छीन लिया
मनोरंजन सिंह
कोलकाता : एक साल पहले सरस्वती पूजा के दिन छह बहनों पर मुसीबत का पहाड़ टूटा था, जब उनके पिता का देहांत हो गया. उस सदमें अभी ये ऊबर ही रही थीं कि फिर वज्रपात हो गया. इस वर्ष सरस्वती पूजा के एक दिन पहले दमदम गोराबाजार स्थित बाजार में आग लग गयी. इस आग ने उनका एक और सहारा छीन लिया. उनकी दुकान जलकर राख हो गयी और इसके साथ ही जीविका का एकमात्र संसाधन भी समाप्त हो गया. सभी बड़ाबाजार से सामान लाकर गोराबाजार में अपना व्यवसाय करती थीं.
शोभाबाजार निवासी गोपीनाथ कुंडू गत 50 वर्षों से दमदम के गोराबाजार में अपनी दुकान चलाते थे. उनकी पूजन सामग्री की दुकान थी. किडनी की बीमारी से पीड़ित गोपीनाथ का निधन गत वर्ष सरस्वती पूजा के दिन हो गया. एक साल से उनकी छह बेटियां दुकान चला रही थीं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से व्यवसाय बढ़ाया. एक छोटी बहन की पढ़ाई का खर्च भी इसी दुकान से निकलता था. उनकी बुजुर्ग मां गंगा रानी कुंडू की काफी उम्मीदें दुकान से बंधी थी.
ससुराल का काम निबटा आती थीं दुकान
एस राय चौधरी, मिठू साहा, सोमा राय, काकुली तालुकदार, राखी साहा और इति कुंडू. इन छह बहनों पर दुकान चलाने का जिम्मा था. इनमें से पांच की शादी हो गयी है. पांचों ससुराल का सारा काम कर और बच्चों को स्कूल भेज समय निकाल बारी-बारी से दुकान आती थीं. उनकी मां, छोटी बहन को दत्तपुकुर में रखकर पढ़ा रही थी.
डेढ़ लाख रुपये भी जल गये
गंगा रानी कुंडू का कहना है कि दुकान में डेढ़ लाख रुपये नकदी भी थे, जो जल गये. देर रात में ट्रेन से इतनी मोटी रकम ले जाना संभव नहीं था. सुरक्षा के लिहाज से सभी रुपये दुकान में रख दिये थे. क्या पता था कि ऐसा हो जायेगा. राखी साहा और सोमा का कहना है कि बड़ाबाजार से सामान लाया करते थे. सोमवार को ही महाजनों को पैसे देते थे, लेकिन इस घटना ने कर्ज में डूबो दिया.

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