देश के समस्त आयुष कॉलेजों में लगेगी जीपीएस युक्त बायोमेट्रिक मशीन
कॉलेज स्टॉफ व छात्रों के आधार नंबर से लिंक होगा बायोमेट्रिक
15 फरवरी से योजना का हो सकता है शुभारंभ
पठन-पाठन को बेतहर बनाने के लिए सरकार ने की पहल
कोलकाता. देश के सरकारी व निजी आयुष मेडिकल कॉलेज में शिक्षा तथा शिक्षक, स्टॉफ व पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष पहल की गयी है. केंद्र सरकार के भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसीन) की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत 30 जनवरी तक देश के समस्त मेडिकल कॉलेजों को सॉफ्टवेयर अपडेट के कार्य को पूरा करने को कहा गया है.
जानकारी के अनुसार, कॉलेज में स्टॉफ पीजीटी छात्रों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए बायोमेट्रिक आधार लिंक जीपीएस अटेंडेंस सिस्टम को इंस्टॉल किया जायेगा. यानी कॉलेज शिक्षक डॉक्टर, चिकित्सक, कॉलेज स्टॉफ तथा पीजीटी छात्रों के आधार कार्ड से बायोमेट्रिक मशीन को लिंग कर दिया जायेगा. इससे दिल्ली में बैठे सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसीन के अाला अधिकारी नजर रख सकेंगे. इस विषय में राष्ट्रीय आयुर्वेद छात्र व युवा संगठन (एनएएसवाइए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुमित सूर ने सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसीन के इस कदम की सराहना की है. उन्होंने बताया कि देश में कई ऐसे आयुष मेडिकल कॉलेज हैं, जहां कुछ चिकित्सक शिक्षक साल भर नदारद रहते हैं.
ऐसे चिकित्सक एक बार पूरे वर्ष की अटेंडेंस कर वेतन ले लेते हैं. इसी तरह कुछ छात्र में गैर हाजिर रह कर कॉलेज से केवल परीक्षा देते हैं और सर्टिफिकेट लेकर निकल जाते हैं. इससे ऐसे मेडिकल कॉलेज में पढ़ायी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. ऐसे में उक्त सॉफ्टवेयर के इंस्टॉल किये जाने से कॉलेजों में पठन-पाठन में सुधार होगा. गौरतलब है कि आयुष के अंतर्गत मुख्य रूप से आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योगा व सिद्धा को रखा गया है.