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यूनिट एरिया असेसमेंट कर भुगतान को लेकर उत्साह नहीं

कर भुगतान करने में हो रही परेशानी नयी कर व्यवस्था से निगम की आय पर असर कोलकाता : अप्रैल 2017 में यूनिट एरिया असेसमेंट कर प्रणाली लागू की गयी थी. कर भुगतान के लिए कई बार समयसीमा भी बढ़ायी गयी. इसके बावजूद आम लोगों में रुझान नहीं बढ़ रहा है. नयी प्रणाली से कर भुगतान […]

कर भुगतान करने में हो रही परेशानी

नयी कर व्यवस्था से निगम की आय पर असर
कोलकाता : अप्रैल 2017 में यूनिट एरिया असेसमेंट कर प्रणाली लागू की गयी थी. कर भुगतान के लिए कई बार समयसीमा भी बढ़ायी गयी. इसके बावजूद आम लोगों में रुझान नहीं बढ़ रहा है. नयी प्रणाली से कर भुगतान करने को लेकर लोग भ्रमित हैं. सोमवार को निगम के मासिक अधिवेशन में वाममोर्चा व कांग्रेस के पार्षदों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया. कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि नयी कर प्रणाली लागू होने से लोग भ्रमित हो रहे हैं. कर भुगतान नहीं किये जाने से निगम को संपत्ति कर से होनेवाली आये में कमी आ रही है. निगम को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है. महानगर में करीब साढ़े सात लाख करदाता है, इनमें से मात्र 55 हजार लोगों ने ही पंजीकरण कराया है. अब तक निगम को कर से मात्र 346 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है.
वहीं‍, पोर्ट ट्रस्ट जैसे सरकारी संस्थाओं का करोड़ों रुपये का कर बकाया है. इस पर मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि कर प्रणाली के सरलीकरण की तैयारी चल रही है. घर- घर जाकर लोगों को कर भुगतान करने को कहा जा रहा है. कुछ मामले कोर्ट में चल रहे हैं, इसलिए हमें परेशानी हो रही है.
दबाव नहीं डालेगा निगम
मेयर ने कहा कि कर भुगतान के लिए हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं. लेकिन अब तक जिन लोगों ने कर का भुगतान नहीं किया है उन पर दबाव डालने के लिए हम पानी या निकासी कनेक्शन नहीं काट सकते हैं. लोगों को लग रहा है कि उक्त पद्धति से कर भुगतान किये जाने पर उन्हें अधिक कर देना पड़ सकता है. लेकिन भ्रमित होने की जरूरत नहीं. क्योंकि कर प्रणाली में 20 फीसदी का ही कैपिंग रखा गया है. यानी भुगतान के दौरान कर राशि में 20 फीसदी ही कम या अधिक हो सकती है.
100 दिन रोजगार योजना के श्रमिकों का मेहनताना फिलहाल नहीं बढ़ेगा : मेयर
कोलकाता नगर निगम के विभिन्न विभाग में कई पद रिक्त पड़े हैं. रिक्त पदों पर फिलहाल दो तरह से नियुक्तियां की जाती हैं. कुछ कर्मियों की नियुक्ति सीधे निगम करता है. लेकिन यह नियुक्ति अस्थायी तौर पर होती है. इनके वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की जाती है. साथ ही अन्य कोई सुविधा भी नहीं दी जाती. इसके अलावा निगम के ठेकेदार द्वारा नियुक्ति की जाती है. इनके वेतन में भी वृद्धि नहीं होती है. लेकिन ऐसे कर्मियों को ईएसआइ की सुविधा मिलती है. वेस्ट बंगाल अर्बन स्कीम के उक्त दोनों प्रकार के कर्मियों के वेतन का भुगतान किया जाता है. वहीं, निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग (एसडब्ल्यूएम) द्वारा सफाई कार्य के लिए 100 दिन रोजगार योजना के तहत चयनित श्रमिकों‍ से कार्य लिया जाता है. इन श्रमिकों से प्रतिदिन चार घंटे का काम लिया जाता है और इनका वेतन 2600 रुपये है. निगम के मासिक अधिवेशन में वाममोर्चा पार्षद रत्ना राय मजुमदार की ओर से सदन में रिक्त पदों पर अस्थायी कर्मियों के स्थायीकरण, शून्य पदों पर कर्मियों की नियुक्ति एवं वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया. जवाब में मेयर ने कहा कि फिलहाल उक्त कर्मियों के वेतन में वृद्धि की कोई योजना नहीं है. इसके लिए वह सरकार से बात करेंगे. 100 दिन रोजगार योजना के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को अब चार घंटे कार्य नहीं करना होगा. यानी कार्य अवधी में कटौती की जायेगी. लेकिन यह ध्यान में रखना होगा कि सफाई कार्य बाधित ना हो. जल्द ही कुछ रिक्त पदों पर नियुक्ति की जायेगी. पार्षद रत्ना राय ने कहा कि वेतन कम होने के कारण निगम ठेकाकर्मी ठीक तरह से कार्य नहीं करते हैं. ऐसे में अब कार्य अवधि चार घंटा से कर दी जायेगी तो महानगर की साफ-सफाई व्यवस्था प्रभावित होगी.
पूर्व मेयर को निगम ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व मेयर श्यामसुंदर गुप्ता के निधन पर सोमवार को कोलकाता नगर निगम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले शोक प्रस्ताव के दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही निगम में एक घंटे पहले यानी चार बजे छुट्टी कर दी गयी. चेेयरमैन माला राय ने बताया कि निगम के मासिक अधिवेशन में प्रश्न एवं प्रस्ताव की लंबी सूची है. पूर्व मेयर के निधन के कारण अधिवेशन की कार्यवाही जल्द पूरी करने के लिए पार्षदों से आवेदन करते हुए कहा कि जितना जल्द हो अपना प्रश्न पूरा करें. प्रस्ताव रखने के बाद एक ही पार्टी के दूसरे पार्षद इसके समर्थन में अपनी बात ना रखें. इसलिए प्रश्नकाल के बाद प्रस्ताव सत्र में विरोधी पार्षदों ने प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात नहीं रखी.
महानगर के लिए इतिहास बना बिग डायर ट्यूबेल
मेयर शोभन चटर्जी ने एक प्रस्ताव के जवाब में कहा कि महानगर में जलापूर्ति के लिए एक साथ कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है. ताकि भू-गर्भ के पानी का उपयोग कम से कम हो. यह पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा. मेयर ने कहा कि एशियन डेवलपमेंट बैंक से मिले ऋण से महानगर में कई जगहों पर ओवर हेड रिजर्वर तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. इस योजना से निगम के 15, 22, 23, 24, 25, 111, 123, 124, 142, 143, 144 नंबर वार्ड लाभान्वित होंगे. एक दिन ऐसा आयेगा कि महानगर के लिए बिग डायर ट्यूबेल इतिहास बन जायेगा.

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