फिर भी मांग से अधिक
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इस बार कम होगी आलू की पैदावार: मंत्री
फिर भी मांग से अधिक होगा उत्पादन उत्पादन कम होने का नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव आलू की कीमत व अन्य मुद्दों पर 19 फरवरी को होगी बैठक कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आलू की पैदावार कम होगी. पिछली वर्ष बंगाल में लगभग 110 लाख टन आलू हुआ था, […]
होगा उत्पादन
उत्पादन कम होने का नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
आलू की कीमत व अन्य मुद्दों पर
19 फरवरी को होगी बैठक
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आलू की पैदावार कम होगी. पिछली वर्ष बंगाल में लगभग 110 लाख टन आलू हुआ था, इस वर्ष इसमें 10 प्रतिशत की कमी आ सकती है और इस वर्ष आलू की पैदावार 100 लाख टन होने की संभावना है. यह बातें मंगलवार को राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की ओर से आयोजित 53वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भले ही उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम हो, लेकिन इसका बाजार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. क्योंकि राज्य में प्रत्येक वर्ष 60 लाख टन आलू की खपत होती है,
इसके अलावा बीज के लिए पांच लाख टन की आवश्यकता होती है. इसके बावजूद राज्य में मांग से 30-35 लाख टन अतिरिक्त आलू का उत्पादन होगा. श्री दासगुप्ता ने आलू उत्पादन और मूल्य निर्धारण के बारे में सरकार की रणनीति के संबंध में कहा कि इसे लेकर 19 फरवरी को हितधारकों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस साल आलू की कीमत में कोई बड़ी बढ़ोत्तरी नहीं होगी, क्योंकि इस कमी के बावजूद राज्य सरकार ने एक जनवरी 2018 तक 9 लाख टन के करीब का स्टॉक रखा है. यह पिछले साल के मुकाबले आठ से नौ फीसद कम उत्पादन प्रक्षेपण को पाटने में मदद करेगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कृषि सलाहकार प्रदीप कुमार मजूमदार ने कहा कि यद्यपि इस साल मौसम थोड़ा प्रतिकूल रहा, लेकिन फिर भी इसका आलू उत्पादन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने रबी फसल में धान की खेती के बारे में कहा कि प्रतिकूल मौसम और कुछ बीमारियों के कारण पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र में उत्पादन प्रभावित हो सकता है. पश्चिम बंगाल से वर्तमान में केरल, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों में 20 लाख टन धान की आपूर्ति की जा रही है.
नहीं होगी कोई परेशानी : एसोसिएशन
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष पतीत पावन दे ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा सीजन में आलू का उत्पादन करीब 100 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि 2017 में उत्पादन 110 लाख टन रहा था. उन्होंने कहा कि पैदावार कम होने से कोई परेशानी नहीं होती, पैदावार अधिक होने पर उसे रखने में परेशानी होती है.
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