रोक के बावजूद टांगन नदी से निकाला जा रहा बालू
सरकारी आदेश का बालू माफिया पर असर नहीं सब कुछ देख कर भी अनदेखा करने का प्रशासन पर आरोप कालियागंज : नदियों से बालू निकालने पर रोक के बावजूद कालियागंज के बालू माफिया सरकारी निर्देश को ताक पर रखकर नदियों से बालू चोरी कर रहे हैं. बालू माफिया टांगन नदी में जमी बालू की मोटी […]
सरकारी आदेश का बालू माफिया पर असर नहीं
सब कुछ देख कर भी अनदेखा करने का प्रशासन पर आरोप
कालियागंज : नदियों से बालू निकालने पर रोक के बावजूद कालियागंज के बालू माफिया सरकारी निर्देश को ताक पर रखकर नदियों से बालू चोरी कर रहे हैं. बालू माफिया टांगन नदी में जमी बालू की मोटी परत गायब कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती राधिकापुर ग्राम पंचायत के बीच से गुजरती है टांगन नदी. इन नदी में बारिश के मौसम में पानी भरा होता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पानी सूखना शुरू करता है. इस नदी के बीच में बालू की मोटी परत जमा है. बकदुआर, चकदिलाल व राधिकापुर नदीघाट से अवैध रूप से इस बालू चोरी की जा रही है.
आरोप है कि सबकुछ देखने सुनने के बावजूद प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है. इन नदी घाटों से प्रतिदिन सौ ट्रैक्टर से अधिक बालू श्रमिकों की मदद से अवैध रूप से निकाली जा रही है. स्थानीय दिहाड़ी मजदूरी 150 से 160 रुपये में नदी से अवैध रूप से निकालते हैं. इधर, यह बालू कालियागंज के विभिन्न इलाकों में प्रति ट्रैक्टर 700 से 800 रुपये की दर से बालू माफिया बेच रहे हैं. जौ ट्रैक्टर इस अवैध कार्य के साथ जुड़े हैं उन ट्रैक्टर व चालकों के वैध काजगात को लेकर भी संदेह है.नदी विशेषज्ञों के मुताबिक, अवैध रूप से नदी से खनन किये जाने से नदी के बीच विशालयकाय गड्ढे बन गये हैं. इस वजह से नदी में तटकटाव की आशंका बढ़ गयी है. इस कार्य से जुड़े स्थानीय मजदूर कमल राय व देलू राय ने बताया कि बालू माफिया के इशारे पर नदियों से बालू निकाला जा रहा है. इन श्रमिकों ने बताया कि पेट के लिए वह यह काम करने को बाध्य हो रहे हैं. टांगन नदी से अवैध रूप से बालू निकालने जाने को लेकर कालियागंज के भूमि सुधार अधिकारी विद्युत कुमार माझी ने इस संबंध में कोई मंतव्य नहीं किया है.