मानस पाठ के लिए विधि-विधान नहीं, अनुभूति जरूरी : प्रेमभूषण

कोलकाता : लेकटाउन में आयोजित रामकथा के छठवें दिन प्रेममूर्ति पूज्य संत प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि मिथिला में ब्याह कर जबसे प्रभु श्रीराम अवध लौटे हैं जब से अवध में नित्य नवीन आनंद हो रहा है. रिद्धि-सिद्धि रूपी संपदा की नदियां अयोध्या रूपी समुद्र की ओर उमड़ पड़ीं. अयोध्या के सभी नर-नारी सुखी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2018 4:14 AM

कोलकाता : लेकटाउन में आयोजित रामकथा के छठवें दिन प्रेममूर्ति पूज्य संत प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि मिथिला में ब्याह कर जबसे प्रभु श्रीराम अवध लौटे हैं जब से अवध में नित्य नवीन आनंद हो रहा है. रिद्धि-सिद्धि रूपी संपदा की नदियां अयोध्या रूपी समुद्र की ओर उमड़ पड़ीं. अयोध्या के सभी नर-नारी सुखी और आनंदित हैं. प्रभु श्रीराम सुख के धाम हैं. दुखी व्यक्ति जब श्रीराम का नाम लेता है तो वह सुखी-संपन्न हो जाता है. पर इसके लिए आवश्यक है कि मनुष्य रामचरितमानस को केवल रटे नहीं, बल्कि उसे समझे और उसकी अनुभूति करे. परिवार के साथ ईमानदारी से मानसपाठ करें. ऐसा करनेवालों का जीवन बदल जाता है. मानसपाठ के लिए किसी विधि-विधान की आवश्यकता नहीं. जब चाहें, जैसे चाहें अनुभूति के साथ पढ़ें.

प्रेमभूषण महाराज के रामकथा वाचन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में काशी-प्रयाग बंद परिषद्, हम रामजी रामजी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट और श्री रामकथा रजत जयंती महोत्सव समिति (कोलकाता शाखा) द्वारा आयोजित रामकथा में महाराज ने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसे कई भक्तों को देखा है, जो न जाने कितने वर्षों से सुंदरकांड पढ़ रहे हैं,
लेकिन उन्हें दोहे का अर्थ नहीं पता. ऐसे भक्तों से मैं कहना चाहता हूं कि रामचरितमानस में गोस्वामीजी ने सुंदरकांड ही नहीं, छह अन्य कांड का भी वर्णन किया है. इसे पढ़ने पर ही परिवार में रामराज आता है और अहंकार समाप्त हो जाता है.
रामकथा के छठवें दिन मुख्य यजमान की भूमिका में आयोजन समिति के सचिव बिनय दूबे, जबकि यजमान की भूमिका में गौ-भक्त राममनोहर सिंह-सपत्नी और सत्यनारायण अग्रवाल-पुष्पा अग्रवाल (प्रिया बिस्कुट) रहे. इस दौरान प्रेमभूषण महाराज ने नारायण अग्रवाल (हैदराबाद), आयोजन समिति के संरक्षक समाजसेवी लक्ष्मीकांत तिवारी, समाजसेवी पं शिवजी तिवारी, समाजसेवी भोला सोनकर, रमेश जैन, पं बजरंग लाल शर्मा, कमल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल और बिजय बंका को सम्मानित किया.
कार्यक्रम के विशिष्ट सहयोगियों में जेके सराफ, महेंद्र शर्मा (अंकुर नमक के एमडी), बनवारीलाल सोफी, सुरेश पांडेय, संजय सराफ, कमल कुमार दुग्गड़, अरूण भुवालका, अशोक अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, शंकर सराफ, महेंद्र शर्मा, राजीव गोयनका, हरिकिशन राठी, अरुण अग्रवाल, विक्की सिकरिया, जेपी सिंह, अतुल डालमिया, बिनोद गुप्ता, शशि खेतान, बनवारीलाल सोती, केके सिंघानिया, अशोक केजरीवाल, नरेंद्र सुराना, ललित बेरीवाल, संजय झुनझुनवाला, प्रमोद रूंगटा, सजन कुमार बंसल, जीवन मोहता, देवीप्रसाद ककरानिया, प्रेम राज मित्तल, मोती सागर तिवारी, भोलानाथ दूबे, मनोज तिवारी, शीतला प्रसाद दूबे, राजेश पाण्डेय, राजेंद्र मिश्रा, धनपाल मिश्रा, शशिधर सिंह उपस्थित रहे. मंच संचालन करते हुए महाराज जी के अति प्रिय शिष्य एवं श्रीरामकथा मर्मज्ञ राजन जी महाराज ने बताया कि अयोध्या जी से विशेष रूप से रामकथा में पधारे श्री रामचरित मंदिरम् श्री रामवल्लभाकुंज के अधिकारी पूज्य श्री राजकुमार दास जी शुक्रवार को रामकथा प्रेमीजन को आशीर्वचन प्रदान करेंगे.

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