बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के बोधगया दौरे के समय मिले विस्फोटक मामले में शामिल होने का आरोप
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कोलकाता : एसटीएफ ने जेएमबी के दो आतंकवादियों को किया गिरफ्तार
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के बोधगया दौरे के समय मिले विस्फोटक मामले में शामिल होने का आरोप आतंकियों के ठिकानों से 50 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद कोलकाता : जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी-न्यू) के दो आतंकियों को दबोच पाने में कोलकाता पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को सफलता मिली है. आतंकियों को मुर्शिदाबाद, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी पुलिस […]
आतंकियों के ठिकानों से 50 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद
कोलकाता : जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी-न्यू) के दो आतंकियों को दबोच पाने में कोलकाता पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को सफलता मिली है. आतंकियों को मुर्शिदाबाद, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी पुलिस की मदद से पकड़ा गया. उनके नाम मोहम्मद पैंगबर शेख (24) और जमीरुल शेख (31) बताये गये हैं. इन पर गत 19 जनवरी को बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के बोधगया दौरे के समय महाबोधि मंदिर के परिसर के पास प्लांट किये गये इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइइडी) विस्फोटक मामले में संदिग्ध तौर पर संलिप्त होने का आरोप है. दोनों को अदालत में पेश करने पर उन्हें 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
कब और क्या हुआ :
कोलकाता पुलिस के डीसी (एसटीएफ) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि दोनों आतंकियों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. पैगंबर शेख को शाम करीब चार बजे मुर्शिदाबाद इलाके से गिरफ्तार गिरफ्तार किया गया जबकि जमीरूल को रात 9.30 बजे सिलीगुड़ी के फांसीदेवा से दबोचा गया. गिरफ्तारी के बाद उनके ठिकाने पर छापेमारी की गयी. जहां से लैपटॉप, मोबाइल फोन, विस्फोटक बनाने की सामग्री, आधार कार्ड, पासपोर्ट, कई दस्तावेज और करीब 50 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया है. अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल सबसे खतरनाक विस्फोटक के तौर पर किया जाता है.
बिहार पुलिस व जांच एजेंसियों के संपर्क में थी एसटीएफ :
बोधगया में गत 19 जनवरी को हुई घटना के बाद जांच में जुटी एनआइए व बिहार पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों के संपर्क मेें कोलकाता एसटीएफ थी. उपरोक्त मामले में पैंगबर के नाम की भनक पहले ही मिल गयी थी.
आतंकियों के बंगाल की सीमा में छिपे होने के मद्देनजर स्पेशल टास्क फोर्स भी समानांतर जांच कर रही थी. इस बीच गुप्त सूचना मिलने के बाद उन्हें दबोच लिया गया. एसटीएफ अधिकारी ने बताया है कि प्राथमिक पूछताछ में दोनों ने यह स्वीकार कर लिया है कि बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर में आइइडी लगाने वाले ग्रुप के वे सदस्य हैं. दलाई लामा के दौरे के समय महाबोधि मंदिर परिसर से विस्फोटक के मिलने के बाद हड़कंप मच गया था. सीआइएसएफ के घेरे में रहने वाले इस विश्वविख्यात मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच भी आइइडी के मिलने से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गये थे और मामले की जांच में एनआइए जुट गयी.
आतंकियों की पृष्ठभूमि
पैंगबर मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज थाना अंतर्गत कांकुड़िया गांव का निवासी है. वह इलाके के एक स्कूल में अरबी भाषा का शिक्षक है. साथ ही इलाके की एक मस्जिद का इमाम भी है. उसका इत्र का छोटा कारोबार भी है. जमीरूल मुर्शिदाबाद के रतनपुर थाना अंतर्गत हिजलतला गांव का रहने वाला है. वह मजदूरी कार्य से जुड़ा है.
एसटीएफ अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद पता चला है कि वर्ष 2010 में उनकी ट्रेनिंग हुई थी. पैंगबर के खागड़ागढ़ विस्फोट मामले में भी शामिल होने की बात पता चल रही है. उनके कब्जे से मिले पासपोर्ट के आधार उनके देश के कभी बाहर जाने का जिक्र नहीं है. हालांकि सूत्रों से पता चला है कि वे असम समेत देश के कई हिस्सों में डेरा जमाये थे. साथ ही उनके बांग्लादेश जाने की बात भी सामने आयी है.
कई ठिकानों में छापेमारी जारी : एसटीएफ अधिकारियों ने कहा है कि आतंकियों से पूछताछ के आधार पर कई जगहों पर छापेमारी अभियान जारी है. बिहार के कुछ हिस्सों में भी एसटीएफ की टीम मौजूद है. इधर आतंकियों के बारे में बिहार पुलिस, एनआइए व अन्य जांच एजेंसियों से जानकारी साझा की गयी है ताकि इनके अन्य साथियों तक पहुंचा जा सके.
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