कोलकाता : विधानसभा में पश्चिम बंगाल सरकारी भाषा (संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके साथ ही कुरुख को पश्चिम बंगाल के आठवीं सरकारी भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया. विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए राज्य के संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 21 फरवरी को भाषा दिवस के दिन मुख्यमंत्री ने कुरुख भाषा को सरकारी भाषा की मान्यता देने की घोषणा की थी. उसी के मद्देनजर यह विधेयक पारित हुआ. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग, उत्तर 24 परगना, कूचबिहार आदि इलाकों में उरांग संप्रदाय हैं. इस विधेयक के पारित होने के बाद जिन इलाकों में इनकी 10 फीसदी अाबादी है. वे इस भाषा को सरकारी भाषा के रूप में इस्तेमाल कर पायेंगे. कुरुख भाषा का इस्तेमाल बंगाली, नेपाली, ऊर्दू, हिंदी, संथाली, ओड़िया व पंजाबी भाषा की जगह किया जा सकता है.
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कुरुख को मिला सरकारी भाषा का दर्जा, विधेयक पारित
कोलकाता : विधानसभा में पश्चिम बंगाल सरकारी भाषा (संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके साथ ही कुरुख को पश्चिम बंगाल के आठवीं सरकारी भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया. विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए राज्य के संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 21 फरवरी को […]
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