कविताओं में पश्चिम बंगाल के बच्चे पढ़ेंगे : क्या होता है ‘गुड और बैड टच’
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के एक बाल अधिकार संगठन ने ‘गुड टच और बैड टच’ के बारे में बच्चों को बताने के लिए बांग्ला भाषा में कविताओं की एक पुस्तक प्रकाशित की है. अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला में पश्चिम बंगाल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के स्टॉल पर आने वाले हर बच्चे को यह किताब […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के एक बाल अधिकार संगठन ने ‘गुड टच और बैड टच’ के बारे में बच्चों को बताने के लिए बांग्ला भाषा में कविताओं की एक पुस्तक प्रकाशित की है. अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला में पश्चिम बंगाल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के स्टॉल पर आने वाले हर बच्चे को यह किताब मुफ्त में दी जा रही है.
कविताओं की इस किताब का नाम है ‘चेंचिये पाड़ा मात करो’. अर्थात् ‘आवाज बुलंद कर चिल्लाओ’. आयोग की अध्यक्ष अनन्या चटर्जी चक्रवर्ती कहती हैं, ‘हमें लगा कि ऐसी कविताओं का प्रयोग घरों और स्कूलों में बच्चों को यौन उत्पीड़न के प्रति सावधान करने के लिए किया जा सकता है.’
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पुस्तक की एक कविता का भावार्थ कुछ इस प्रकार है: यदि कोई गलत तरीके से छूता है, गलत तरीके से गले लगाता है, तो उसे कभी मत छुपाओ, क्योंकि यह गलत बात है. अपने माता-पिता, बड़ी बहन को सब कुछ बताओ.
राज्य में दिसंबर से अभी तक कुछ स्कूलों से बच्चों के यौन उत्पीड़न की कई खबरें आयी हैं. इस पुस्तक का विमोचन गुरुवार को मेले में किया गया. अनन्या का कहना है कि अपने माता-पिता के साथ आने वाले बच्चों को यह पुस्तक बहुत पसंद आयी.
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आयोग इस पुस्तक को राज्य के स्कूलों में भेजने की योजना बना रहा है. उनका कहना है कि इस जल्दी ही इस संबंध में रूपरेखा तैयार करेंगे.