मेले के दौरान 1123 मीट्रिक टन कचरे का हुआ निस्तारण
गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से गंगासागर के तट का सफाई अभियान होगा.
गंगासागर मेले के दौरान कुल 1,123 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण प्रबंधन किया गया. मेला परिसर से लेकर सागर के तटीय क्षेत्र तक तमाम जगहों से कचरे का प्रबंधन किया गया. बुधवार को राज्य के मंत्री अरूप विश्वास ने बताया कि इस बार मेले को ग्रीन मेला व क्लीन मेला बनाने पर पूरा जोर दिया गया. इसके तहत लोगों को जागरूक करने के साथ ही विभिन्न जगहों पर कचरे के डस्टबिन लगाये गये थे. साथ ही तीर्थ यात्रियों को छह लाख जूट बैग भी दिये गये. गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से गंगासागर के तट का सफाई अभियान होगा. मेले परिसर में चार प्लास्टिक कटर मशीन लगायी गयी है, जिसके जरिये प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग की जायेगी. इसके अलावा सागर प्रहरी के जरिये सफाई पर जोर दिया गया है.गंगासागर मेले पर सरकार ने कितना खर्च किया और कितने का व्यवसाय हुआ, इस संबंध में पूछे जाने पर श्री विश्वास ने कहा कि हर जगह आय ही नहीं देखी जाती है. विरोधी दल के पास कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वे लोग इस तरह के सवाल खड़े करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रयागराज से ही गंगासागर में अधिक लोग आये हैं. यहां मरने वाले छह तीर्थ यात्रियों में से यूपी के ही चार लोग थे. इस बार कुहासे से निबटने के लिए ”एंटी-फॉग लाइट” लगायी गयी थी, जो कारगर साबित हुई. मंत्री अरूप विश्वास ने दावा किया है कि सागरद्वीप में वेसेल सेवाएं बाधित नहीं रहीं. सिर्फ 15 मिनट के लिए प्रभावित हुई थी. मालूम हो कि पिछले साल एंटी फॉग लाइट के बावजूद वेसेल सेवाएं छह घंटे तक प्रभावित हुई थीं.
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