सक्रिय जीवन के बाद मेघलाल ने लिया अवकाश

गोरूमारा साउथ रेंज के मेदला कैंप में तैनात था हाथी मयनागुड़ी : लंबे 25 साल के सक्रिय जीवन के बाद गोरूमारा नेशनल पार्क के प्रशिक्षित हाथी मेघलाल को अवकाश दे दिया गया है. उत्तर बंगाल में पहली बार किसी कुनकी हाथी ने अवकाश लिया है. इस वजह से गोरूमारा वनांचल क्षेत्र के वनकर्मियों में उत्सुकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 2:11 AM

गोरूमारा साउथ रेंज के मेदला कैंप में तैनात था हाथी

मयनागुड़ी : लंबे 25 साल के सक्रिय जीवन के बाद गोरूमारा नेशनल पार्क के प्रशिक्षित हाथी मेघलाल को अवकाश दे दिया गया है. उत्तर बंगाल में पहली बार किसी कुनकी हाथी ने अवकाश लिया है. इस वजह से गोरूमारा वनांचल क्षेत्र के वनकर्मियों में उत्सुकता व्याप्त है. उल्लेखनीय है कि मनुष्य की तरह वन विभाग के प्रशिक्षित हाथियों को भी अवकाश दिया जाता है. हालांकि अवकाश लेने के बाद भी मेघलाल का महत्व कम नहीं हुआ है. बीच-बीच में उसे जंगल ले जाया जाता है.
पहले की तरह ही उससे काम लिया जाता है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि अब उससे कोई भारी काम नहीं लिया जाता. पहले मेघलाल को जंगली हाथियों और गैंडों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लाया जाता था. मेघलाल से अन्य कुनकी हाथियों ने भी बहुत कुछ सीखा है.
आज से 25 साल पहले मेघलाल को असम से गोरूमारा लाया गया था. वही पर उसे वन विभाग की तरफ से प्रशिक्षित किया गया था. पर्यटकों को एलीफेंट सफारी कराने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती थी. पत्तों का संग्रह करने के अलावा कई अन्य कार्य में मेघलाल दक्ष है. लेकिन उम्र के एक पड़ाव में उसे सेवा से अवकाश देकर उसकी जिम्मेदारियां कम कर दी गई हैं. मेघलाल की देखभाल के लिए महावत पीहू कंवर को नियुक्त किया गया है. हर सुबह उसे घास वाले जंगल में छोड़ दिया जाता है.
उसके बाद दोपहर को मूर्ति नदी में उसे स्नान कराने के बाद पिलखाना ले जाया जाता है. वहां उसे मसूर दाल, चना, गुड़ और नमक के साथ केले के पत्ते में लपेट कर खिलाया जाता है. हर महीने उसकी स्वास्थ्य जांच भी करायी जाती है. वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने इस बारे में बताया कि प्रत्येक कुनकी हाथी पर लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है.
गोरूमारा वन्य प्राणी डिवीजन की डीएफओ निशा गोस्वामी ने बताया कि मेघलाल बहुत ही शांत स्वभाव का हाथी है. काफी धैर्य के साथ वह अपना काम करता है. गोरूमारा के इतिहास में मेघलाल का योगदान महत्वपूर्ण रहा है.

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